महिला विश्व कप 2025 में अंपायरिंग के स्तर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। विश्व कप की शुरुआत से लेकर शुक्रवार तक कई ऐसे फैसले दिए गए हैं, जिन्होंने विवाद को जन्म दिया है। सबसे ज्यादा गलतियां डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) में दिखी हैं।
इंग्लैंड और बांग्लादेश के बीच हुए मैच में सबसे बड़ी गलती हिदर नाइट से जुड़ी एक निर्णय पर हुई। हिदर नाइट का कैच 13 के स्कोर पर शोर्ना अख्तर ने लिया। यह नीचा कैच था। नाइट फील्ड से जा रही थीं, लेकिन टीवी अंपायर गायत्री वेणुगोपालन ने अनिश्चित सबूतों के आधार पर इसके विपरीत फैसला सुनाया। इससे पहले मैदान पर दिए एक कैच आउट के फैसले को तीसरे अंपायर ने पलट दिया था।
कोलंबो में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच के दौरान मुनीबा अली के रन आउट से जुड़े निर्णय पर भी सवाल उठे थे। पाकिस्तान की सलामी बल्लेबाज मुनीबा को पहले टीवी अंपायर ने बड़ी स्क्रीन पर नॉट-आउट दिया था, लेकिन बाद में उस फैसले को आउट में बदल दिया गया। टीवी अंपायर केरिन क्लास्टे ने पहले नॉट-आउट एलबीडब्ल्यू देने से पहले पूरी उपलब्ध फुटेज नहीं देखी थी। आगे की फुटेज देखने के बाद अपना फैसला बदल दिया। इस प्रक्रिया से भ्रम की स्थिति पैदा हुई। फैसले के बाद मुनीबा और कप्तान फातिमा सना को चौथे अंपायर से और स्पष्टीकरण मांगना पड़ा था।