'इससे महिलाओं के शरीर की नुमाइश होगी', तालिबान ने महिलाओं के क्रिकेट खेलने पर लगाया बैन
अफगानिस्तान में तालिबान युग की वापसी ने सैकड़ों और हजारों निराश अफगानों के जख्म पर और नमक छिड़क दिया है। तालिबान ने महिलाओं के खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अफगानिस्तान में तालिबान युग की वापसी ने सैकड़ों और हजारों निराश अफगानों के जख्म पर और नमक छिड़क दिया है। तालिबान ने महिलाओं के खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान का मानना है कि किक्रेट समेत तमाम खेल गतिविधियां सिर्फ महिलाओं के शरीर की नुमाइश ही करती हैं।
तालिबान ने कहा, 'अफगान महिलाएं क्रिकेट समेत किसी भी खेल में हिस्सा नहीं ले सकतीं हैं। खेल गतिविधियां केवल उनके शरीर की नुमाइश करेंगी।' यह सूचना तालिबान के एक प्रवक्ता की ओर से जारी बुधवार की रिपोर्ट में कही गई है। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्ला वसीक ने इसपर अटपटा बयान दिया है।
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उन्होंने मीडिया से कहा, 'महिलाओं के लिए खेल गतिविधियां जरूरी नहीं हैं, क्योंकि इससे अफगान महिलाओं के शरीर के बेपर्दा होने का खतरा है। इस कारण वे क्रिकेट समेत किसी भी खेल में हिस्सा नहीं ले सकती हैं, क्योंकि खेल गतिविधियां उनके शरीर की नुमाइश के सिवा और कुछ नहीं करेंगी।'
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अफगानिस्तानी महिला क्रिकेटर रोया समीम ने बीते दिनों कहा था, 'अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर जाना मेरे लिए यह एक दुखद दिन था। मैं बस रो रही थी। मुझे वास्तव में वह सब कुछ पसंद है जो मेरे पास था। मेरी नौकरी, मेरा क्रिकेट, मेरे साथी, मेरा होमटाउन, मेरे रिश्तेदार। मेरे पास जो कुछ भी था, मैंने उसे पीछे छोड़ दिया है। आज भी मुझे जब ये दिन याद आता है तो में रो पड़ती हूं।'