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जवागल श्रीनाथ ने बताया वो किस्सा,जब प्लेइंग XI में होते हुए भी कप्तानी से मांगनी पड़ती थी गेंदबाजी

नई दिल्ली, 14 जून | भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने एक दशक तक भारतीय गेंदबाजी की अगुआई की और उन्होंने यह तब किया जब टीम में स्पिनरों का बोलबाला हुआ करता था और टीम स्पिनरों पर

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma June 14, 2020 • 14:34 PM
Javagal Srinath
Javagal Srinath (IANS)
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नई दिल्ली, 14 जून | भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने एक दशक तक भारतीय गेंदबाजी की अगुआई की और उन्होंने यह तब किया जब टीम में स्पिनरों का बोलबाला हुआ करता था और टीम स्पिनरों पर ही निर्भर हुआ करती थी। श्रीनाथ ने कहा कि निर्भरता इतनी हुआ करती थी कि वह कई बार कप्तान से गेंदबाजी मांगते थे।

श्रीनाथ ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा, "मैं शिकायत नहीं कर रहा हूं, लेकिन उस समय स्थिति ऐसी ही थी। भारत में ऐसा भी समय था कि हम सिर्फ एक तेज गेंदबाज लेकर खेलते थे वो भी सिर्फ नाम के लिए की टीम में तेज गेंदबाज है। पिचें पूरी तरह से स्पिनरों के लिए होती थीं।"

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श्रीनाथ ने मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में अक्टूबर और नवंबर में 1991 में क्रमश: वनडे और टेस्ट पदार्पण किया था।

उन्होंने कहा, "आप टीम के स्थायी सदस्य बनना चाहते हैं और विकेट लेना चाहते हैं। तीन स्पिनर 80-90 प्रतिशत गेंदबाजी करते थे। मैं कई बार अलग सा महसूस करता था कि मेरा यहां क्या रोल है। मैं कप्तान के पास जाकर कहता था कि गेंदबाजी दे दो। कम से कम मुझे इस बात की संतुष्टि करने दो की मैं टीम में हूं।"

दाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, "यह मामला था। भारतीय परिस्थितयां स्पिनरों की मददगार थीं, लेकिन साथ ही यह तेजी वाले मोड में सोचने को मजबूर कर देती थीं। इसलिए रिवर्स स्विंग मदद करती थी, लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। मैं समझता था कि जीत ज्यादा जरूरी है।"
 


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