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हूडा को किसने नंबर तीन पर भेजा? लखनऊ के ब्लंडर पर भड़के सहवाग

लखनऊ सुपर जायंट्स को गुजरात टाइटंस के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद वीरेंद्र सहवाग ने लखनऊ के मैनेजमेंट पर सवाल खड़े किए हैं।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav May 08, 2023 • 11:16 AM
Cricket Image for हूडा को किसने नंबर तीन पर भेजा? लखनऊ के ब्लंडर पर भड़के सहवाग
Cricket Image for हूडा को किसने नंबर तीन पर भेजा? लखनऊ के ब्लंडर पर भड़के सहवाग (Image Source: Google)
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IPL 2023 के 51वें मुकाबले में गुजरात टाइटंस ने लखनऊ सुपर जायंट्स को 56 रनों से हराकर टूर्नामेंट में अपनी 8वीं जीत हासिल कर ली है। इस जीत के साथ ही हार्दिक पांड्या की टीम के 16 अंक हो गए हैं और वो प्लेऑफ के थोड़ा और करीब पहुंच गए हैं। वहीं, लखनऊ के लिए मुसीबतें फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस मैच में लखनऊ की टीम 227 रनों का पीछा कर रही थी और लखनऊ की टीम मैनेजमेंट ने एक ऐसा फैसला लिया जिसके चलते उनकी काफी आलोचना की जा रही है।

लखनऊ के ओपनर्स काइल मेयर्स और क्विंटन डी कॉक ने एक बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए तूफानी शुरुआत की थी लेकिन नौवें ओवर में काइल मेयर्स के आउट होने के बाद लखनऊ के मैनेजमेंट ने दीपक हुड्डा को नंबर 3 पर भेज दिया और इसके बाद लखनऊ की रनगति धीमी हो गई और उनका ये फैसला ही मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। अब वीरेंद्र सहवाग ने लखनऊ के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। लीग के पहले नौ मैचों में केवल 53 रन बनाने वाले हुड्डा ने पूरे सीजन में रनों के लिए संघर्ष किया है।

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जबकि निकोलस पूरन और आयुष बदोनी जैसे खिलाड़ी फॉर्म में चल रहे हैं लेकिन लखनऊ के मैनेजमेंट ने हूडा पर भरोसा जताया लेकिन उनका ये फैसला उन्हीं को ले डूबा। अब मैच के बाद, भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने लखनऊ के मैनेजमेंट को फटकार लगाते हुए कहा, "लखनऊ 10 ओवर के बाद 102/1 थे। उसके बाद उन्हें इतने अंतर से नहीं हारना चाहिए था। उस पहले विकेट के बाद, मेरा मानना है कि फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज को आना चाहिए था। ये पूरन, मार्कस स्टोइनिस, खुद क्रुणाल पांड्या या आयुष बदोनी हो सकते थे, जिन्होंने चेन्नई के खिलाफ पिछले मैच में कुछ बहुत तेज रन बनाए थे। और आया कौन? हुड्डा?” 

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आगे बोलते हुए सहवाग ने कहा, "वो उसी क्षण वह मैच हार गए थे। ये एलएसजी की गलती थी। अगर निकोलस पूरन वहां आए होते, तो जिस तरह से वो खेलते हैं, वो शायद 20 गेंदों में 50 रन बना सकते थे और खेल को बदल सकते थे। अगर आपको पांच ओवर में 100 रन चाहिए तो आप जीत नहीं पाएंगे। आयुष बदोनी ने 11 गेंदों में 21 रन बनाए। अगर वो समय पर आ जाते तो स्कोरिंग की रफ्तार भी बढ़ा सकते थे। वो निर्णय किसका था? कप्तान? प्रशिक्षक? या प्रबंधन? हुड्डा को 3 बजे किसने भेजा? ये एक इन-फॉर्म बल्लेबाज होना चाहिए था।”


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