Nepotism in cricket: क्या क्रिकेट में भी होता है Nepotism, यशस्वी और अय्यर ने दिल खोल दिया
भारतीय टीम के युवा खिलाड़ियों ने क्रिकेट में नेपोटिज्म पर बातचीत करते हुए अपने अनुभव साझा किये हैं।
Nepotism in Cricket: नेपोटिज्म, एक ऐसा शब्द जो बीते समय में काफी सुर्खियों में रहा है। नेपोटिज्म को आप 'राजा का बेटा राजा बनेगा' इस वाक्य के उदाहरण से समझ सकते हैं। बॉलीवुड में नेपोटिज्म की जड़े काफी अंदर तक फैली हुई हैं, ऐसे में क्रिकेट फैंस के मन में भी यह सवाल उठता है कि इंटरनेशनल क्रिकेट खास तौर पर इंडियन क्रिकेट में भी नेपोटिज्म होता होगा क्या? क्या ऐसा होता होगा कि किसी उभरते टैलेंटिड खिलाड़ी को पीछे छोड़कर नेपोटिज्म के दम पर कोई दूसरा अनटैलेंडिट खिलाड़ी इंडियन टीम में शामिल हो जाए? अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो आज आपको इसका जवाब मिलने वाला है।
दरअसल, हाल ही में भारतीय टीम के 21 वर्षीय युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल और हरफनमौला खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर ने इंडियन क्रिकेट में नेपोटिज्म है या नहीं? इस पर अपना मत रखा है। इन दोनों ही खिलाड़ियों ने अपने अनुभव के आधार पर अपना दिल खोलकर यह बताया है कि अब तक उन्हें क्रिकेट में नेपोटिज्म खासतौर पर इंटरनेशनल क्रिकेट टीम में ऐसा देखने को नहीं मिला है।
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वेंकटेश अय्यर ने एक पॉडकास्ट में बातचीत करते हुए क्रिकेट और नेपोटिज्म पर अपनी राय रखी। वेंकटेश कहते हैं कि उन्होंने अपने करियर में अब तक किसी भी तरह के नेपोटिज्म को अनुभव नहीं किया है। मैंने अपने किसी क्रिकेटर दोस्त से भी ऐसी किसी घटना के बारे में नहीं सुना है।'
अय्यर कहते हैं, 'मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि मेरे सामने अब तक ऐसी कोई भी सिचुएशन नहीं आई है। मेरा मानना है कि जब मैंने अच्छा किया तब मैं टीम में था और जब मैंने प्रदर्शन नहीं किया तब मैं वहां नहीं था। अगर आप टैलेंटिड हो तो आप आज नहीं तो कल वहां जरूर होंगे।'
वहीं बात करें अगर यशस्वी जायसवाल की तो उन्होंने भी हाल ही में लल्लनटॉप को दिये इंटरव्यू में क्रिकेट और नेपोटिज्म पर बातचीत करते हुए यह कहा था कि वह इस बारे में कुछ नहीं जानते हैं।