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धोनी-श्रीनिवासन के बयानों की प्रति उपलब्ध कराने के लिए बीसीसीआई ने किया अनुरोध

नई दिल्ली, 09 अप्रैल (हि.स.) । इंडियन प्रीमियर लीग में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में बीसीसीआई ने महेंद्र सिंह धोनी और बोर्ड प्रमुख एन. श्रीनिवासन के बयानों की प्रति उपलब्ध कराने के लिए आज सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma January 10, 2015 • 00:05 AM
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नई दिल्ली, 09 अप्रैल (हि.स.) । इंडियन प्रीमियर लीग में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में बीसीसीआई ने महेंद्र सिंह धोनी और बोर्ड प्रमुख एन. श्रीनिवासन के बयानों की प्रति उपलब्ध कराने के लिए आज सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है।

बीसीसीआई के वकील ने न्यायमूर्ति ए.के पटनायक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से आग्रह किया कि वह न्यायमूर्ति मुद्गल की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष धोनी और श्रीनिवासन की गवाही से संबंधित ऑडियो टेप की प्रति बोर्ड को उपलब्ध कराए। बीसीसीआई की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि बोर्ड ऑडियो टेप हासिल करने के लिए उपयुक्त तरीके से न्यायालय से आग्रह करे। ये ऑडियो टेप फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय के पास सील बंद लिफाफे में जमा हैं।

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बीसीसीआई ने यह कदम उस विवाद के मद्देनजर उठाया है जिसमें आरोप लगाया है कि धोनी और श्रीनिवासन ने आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स में गुरूनाथ मेयप्पन की भूमिका के बारे में शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त मुद्गल समिति के समक्ष झूठ बोला था।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख आदित्य वर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवकता हरीश साल्वे ने दलील दी थी कि धोनी ने मेयप्पन के बारे में समिति से झूठ बोला था कि मेयप्पन का चेन्नई सुपर किंग्स से कोई लेना देना नहीं था। श्रीनिवासन के दामाद मेयप्पन महज क्रिकेट प्रेमी हैं। बीसीसीआई ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि धोनी ने मेयप्पन के बारे में समिति से कभी ऐसी बात नहीं कही थी। न्यायमूर्ति मुद्गल समिति ने मेयप्पन को आईपीएल 2013 में सट्टेबाजी का आरोपी बनाया है।


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