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पीटरसन के सामने “विराट” तूफान से निपटने की होगी कडी चुनौती

नई दिल्ली, 16 अप्रैल (हि.स.)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सातवें संस्करण में दिल्ली डेयरडेविल्सपूरी तरह से बदल चुकी है, लेकिन जब वह गुरुवार को लीग में अपने अभियान की शुरुआत करने उतरेगी तो उसके सामने विराट कोहली के नेतृत्व

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma January 10, 2015 • 00:05 AM
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नई दिल्ली, 16 अप्रैल (हि.स.)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सातवें संस्करण में दिल्ली डेयरडेविल्सपूरी तरह से बदल चुकी है, लेकिन जब वह गुरुवार को लीग में अपने अभियान की शुरुआत करने उतरेगी तो उसके सामने विराट कोहली के नेतृत्व वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की कठिन चुनौती होगी। विराट इस समय जबरदस्त फॉर्म में हैं और विश्वकप ट्वेंटी 20 के फाइनल में टीम की हार के बावजूद मैन ऑफ द सीरीज रहे थे।

विराट पिछले संस्करणों में बेंगलोर की कप्तानी कर चुके हैं और अपने अधिकतर खिलाड़ियों की क्षमता को अच्छी तरह जानते हैं। विराट ने आईपीएल छह में 16 मैचों में बेंगलोर के लिए 45.28 के औसत से 634 रन बनाए थे जबकि कैरेबियाई बल्लेबाज क्रिस गेल ने 16 मैचो में टीम की तरफ से 59 के औसत से सर्वाधिक 708 रन बनाए थे जिसमें नाबाद 175 रनों की रिकॉर्ड पारी यादगार थी।

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आईपीएल सात की नीलामी में दिल्ली ऐसी टीम रही जिसने पिछले संस्करणों में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के मद्देनजर अनुभवी और विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग समेत अपने किसी भी खिलाड़ी को टीम में बरकरार नहीं रखा है। आईपीएल छह में आखिरी स्थान पर रही दिल्ली की कमान अब इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन के हाथों में है जबकि टीम इंडिया को अपने मार्गदर्शन में वर्ष 2011 में वनडे विश्वकप दिला चुके गैरी कस्टर्न टीम के कोच हैं।

ऐसे में दिल्ली के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं। सभी टीमें इस बारविदेशी जमीन पर टूर्नामेंट खेल रही हैं और उन्हें यूएई के ग्राउंड्स और यहां की परिस्थितियों के अनुकूल खुद को ढ़ालना होगा तो दिल्ली एक नई टीम है और उसके सभी खिलाड़ियों को पहली बार एक साथ नए कप्तान के नेतृत्व में एक टीम की तरह खेलना भी अपने आप में चुनौती होगी। दिल्ली ने भी आईपीएल में युवराज के बाद दूसरी सबसे भारी 12 करोड़ की कीमत देकर दिनेश कार्तिक को टीम का हिस्सा बनाया है और ऐसे में इस विकेटकीपर बल्लेबाज पर अतिरिक्त दबाव होगा। पिछले संस्करण में मुंबई इंडियन्स के लिए खेल चुके कार्तिक ने 28.33 के औसत से 19 मैचों में 510 रन बनाए थे जिसमें 86 रनों की पारी सर्वश्रेष्ठ रही थी। इसलिए कार्तिक पर अब अपनी नई टीम दिल्ली के लिए और भी बेहतर करने की अपेक्षा की जा रही है।

इसके अलावा दिल्ली की बल्लेबाजी उसके सबसे बड़ी ताकत साबित होगी जिसमें उसके पास कार्तिक के अलावा मुरली विजय जैसे ओपनिंग बल्लेबाज हैं। मुरली ने पिछले संस्करणों में चेन्नई के लिए शानदार बल्लेबाजी की थी। उम्मीद है कि मुरली दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज किवंटन डी कॉक के साथ ओपनिंग कर सकते हैं।

साथ ही विदेशी खिलाड़ियों में सबसे महंगे बिके पीटरसन, जे पीडुमिनि और न्यूजीलैंड के रॉस टेलर तथा घरेलू खिलाड़ियों में मनोज तिवारी, सौरभ तिवारी और केदार जाधव से भी दिल्ली का भाग्य बदलने की उम्मीद की जा रही है। टीम में मौजूद कीवी ऑलराउंडर जेम्स नीशाम भी मजबूत खिलाड़ियों में हैं।

दिल्ली की कमजोरियों पर नजर डालें तो राहुल शर्मा और शाबाज नदीम के रूप में उसके पास यह दो विशेषज्ञ स्पिनर है जबकि डुमिनि अपनी राष्ट्रीय टीम दक्षिण अफ्रीका की ओर से सीमित ओवरों में केवल पार्ट टाइम स्पिनर की भूमिका निभा चुके हैं। ऐसे में कप्तान पीटरसन के सामने मैच में काफी कम विकल्प बचेंगे। वर्ष 2008 में सेमीफाइनल तक पहुंचने के बाद से दिल्ली का प्रदर्शन हर संस्करण में बेहद खराब रहा है और वह वर्ष 2010 में ग्रुप चरण को पार नहीं कर सकी तो 2011 में आखिरी स्थान पर रही। वर्ष 2012 में उसने वापसी का प्रयास किया लेकिन प्लेऑफ में पराजित हुई तो 2013 में वह फिर आखिरी स्थान पर रही।

दूसरी ओर, यदि बेंगलोर की स्थिति को देखें तो वह दिल्ली से फिलहाल बेहतर दिखती है। गत सीजन विराट के नेतृत्व में बेंगलोर ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और वह 16 मैचों में नौ जीतकर पांचवें स्थान पर रही थी। लेकिन टीम अभी तक खिताब जीतने में नाकामयाब रही है। वर्ष 2009 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए दूसरे संस्करण में डेककन चार्जर्स ने बेंगलोर को फाइनल में हराया था। इसलिए विराट इस बार खिताब पर दावेदारी पेश करने के लिए शत प्रतिशत कोशिश करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील


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