इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड इस साल के शुरू में वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम से बाहर किये जाने के बाद मानसिक रूप से टूट गए थे लेकिन टीम में वापसी और ब्रेंडन मैकुलम की टीम का हिस्सा बनने ने 36 वर्षीय तेज गेंदबाज की वापसी को यादगार बना दिया है।
ब्रॉड और उनके तेज गेंदबाज जोड़ीदार जेम्स एंडरसन को वेस्ट इंडीज दौरे में जो रुट की कप्तानी में टेस्ट टीम से हटा दिया गया था। इंग्लैंड की टीम इससे पहले ऑस्ट्रेलिया से 0-4 से एशेज में हार गयी थी और वेस्ट इंडीज के खिलाफ उसे 0-1 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद इंग्लैंड एन्ड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को अपने टेस्ट ढांचे में व्यापक बदलाव करने पड़े।
ईसीबी ने न्यूजीलैंड के मैकुलम को नया कोच और आलराउंडर बेन स्टोक्स को नया टेस्ट कप्तान बनाया, जब रुट ने कप्तानी से हटने का फैसला किया। ब्रॉड और एंडरसन दोनों को टीम में वापस लाया गया। दोनों ने अपनी वापसी के बाद कमाल किया और नए कप्तान के तहत टीम को सात टेस्टों में से छह में जीत दिलाई।
ब्रॉड ने कहा कि इन छह जीत ने उनका आत्मविश्वास वापस लौटाया है।
ब्रॉड ने डेली मेल में अपने कालम में लिखा, "सात में से टेस्टों में जीत-वाकई यादगार है। इसका श्रेय मैकुलम और स्टोक्स को दिया जाना चाहिए जिन्होंने एक अलग स्टाइल की शैली विकसित की। मैं इस टीम का हिस्सा हूं जिसमें हर खिलाड़ी कह सकता है कि मैंने टेस्ट जीत में कुछ न कुछ योगदान दिया है।"
तेज गेंदबाज ने कहा, "वेस्ट इंडीज दौरे में बाहर रखे जाने पर मैं पूरी तरह टूट गया था लेकिन इसी बात ने मुझे अपने खेल को सुधारने में मदद की। मैं इसके लिए ब्रेंडन और स्टोक्स को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने टीम को एक अलग छवि प्रदान की है।"
ब्रॉड टेस्ट इतिहास में दूसरे सबसे सफल तेज गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्रा को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि ओवल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत का खिलाड़ियों के दिल में विशेष स्थान है जिससे इंग्लैंड ने सीरीज 2-1 से जीत ली।