वर्ल्ड कप 2011 की पूरी कहानी, धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 28 साल बाद जीती थी ट्रॉफी
भारतीय टीम ने 28 साल बाद साल 2011 में अपना दूसरा वनडे वर्ल्ड कप जीता था। ये एमएस धोनी की कप्तानी में दूसरा वर्ल्ड कप था जिसे भारत जीतने में सफल रहा था।
सेमीफाइनल्स की कहानी
पहले सेमीफाइनल में भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने थी। मोहाली के मैदान पर खेले गए इस महामुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 29 रन से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए भारत ने 9 विकेट के नुकसान पर 260 रन बनाए थे जबकि पाकिस्तान की टीम 231 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। वहीं, दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका ने न्यूज़ीलैंड को 5 विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
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फाइनल
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वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल 2 अप्रैल को भारत और श्रीलंका के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने निर्धारित 50 ओवरों में 274 रन बनाए और भारत के लिए 275 रनों का लक्ष्य रखा। जवाब में भारत ने अपने दोनों ओपनर्स को सस्ते में गंवा दिया था लेकिन गौतम गंभीर और एमएस धोनी की शानदार पारियों के चलते भारत ने 10 गेंदें शेष रहते छह विकेट से जीत हासिल कर ली और 28 साल बाद दोबारा हम वर्ल्ड चैंपियन बन गए। भारत के कप्तान एमएस धोनी को 79 गेंदों पर 91 रनों की नाबाद, मैच विजेता पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। वहीं, गौतम गंभीर ने भी 97 रनों की अहम पारी खेली। मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने अपना आखिरी वर्ल्ड कप खेल रहे सचिन तेंदुलकर को भी कंधे पर बिठाकर विदाई दी। इस फ़ाइनल को दुनिया भर में लगभग 558 मिलियन लोगों ने देखा।