आज भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है और विश्व क्रिकेट में भारत की तूती बोलती है लेकिन एक समय ऐसा भी था जब भारतीय क्रिकेट बाकी देशों के मुकाबले बहुत पीछे था और क्रिकेट की महाशक्ति बनने से बहुत पहले, एक छोटे से समुदाय ने देश की क्रिकेट विरासत की नींव रखी थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं उस समय क्रिकेट को खेलने वाले पहले भारतीयों की, जो कि पारसी थे। आइए आपको पारसियों की वो कहानी बताते हैं जो कि भारत बनाम इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास का एक दिलचस्प अध्याय है।
भारतीय क्रिकेट का जन्म: पारसियों ने क्रिकेट को आगे बढ़ाने का काम किया
19वीं सदी के मध्य में, बॉम्बे में युवा पारसी लड़कों ने मैदानों पर क्रिकेट खेलना शुरू किया। अक्सर ये लड़के बल्ले के रूप में उस समय छतरियों का उपयोग करते थे। उनके क्रिकेट के प्रति बढ़ते हुए उत्साह ने भारत में क्रिकेट क्लब्स को जन्म दिया और उस समय ओरिएंटल क्रिकेट क्लब (1848) और यंग जोरास्ट्रियन क्लब (1850) जैसे क्लब्स का गठन किया गया।