साल 1971 में भारत ने इंग्लैंड की सरजमीं पर अपना पहला टेस्ट मैच और पहली टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रचा था।
1960 के आते-आते भारतीय क्रिकेट मैनेजमेंट की नई कमिटी बनी जिसकी कमान विजय मर्चेंट को दी गई और तब उन्होंने भारतीय दल में कई बड़े बदलाव किए। उन्होंने तब टीम में कई युवा और होनहार खिलाड़ियों को मौका दिया। कुछ खिलाड़ी तो बहुत जल्द ही टीम से बाहर चले गए लेकिन कुछ खिलाड़ियों ने भारत के लिए लंबे समय तक अपने खेल से लोगों को रोमांचित किया। इन खिलाड़ियों में सुनील गावस्कर, गुडप्पा विश्वनाथ और मोहिंदर अमरनाथ जैसे दिग्गजों का नाम शामिल है।
इस दौरान सबसे बड़ा फैसला था कि 1971 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए अजित वाडेकर को टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। मंसूर अली खान पटौदी जिन्होंने 60 के दशक में भारतीय क्रिकेट का कार्य़भार संभाला था उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया। हालांकि इसके बावजूद वाडेकर चाहते थे कि पटौदी वेस्टइंडीज और इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम में बतौर बल्लेबाज खेले लेकिन अली खान ने खुद दौरे से अपना नाम वापस ले लिया।