Neetu David: इस खबर की भारत में कोई ख़ास चर्चा नहीं हुई कि नीतू डेविड (Neetu David) को आईसीसी हॉल ऑफ फेम (ICC Hall of Fame) में शामिल किया गया- ये सम्मान पाने वाली भारत की सिर्फ दूसरी महिला क्रिकेटर (उनसे पहले : पूर्व कप्तान और नीतू की क्रिकेट के लिए सबसे बड़ी स्पोर्ट डायना एडुल्जी)। इस खबर की कोई ख़ास चर्चा न होने की वजह ये सवाल है- ये नीतू डेविड कौन है? भारत में महिला क्रिकेट और क्रिकेटरों को आज जो चर्चा मिलती है- सिर्फ कुछ साल पहले तक भी ऐसा नहीं था। इसीलिए नीतू डेविड जैसी क्रिकेटर अपनी बेहतर टेलेंट के बावजूद वह चर्चा न पा सकीं जो आज की क्रिकेटर को मिलती है।
तो सबसे पहले उनकी क्रिकेट की बात करते हैं। एक शानदार खब्बू स्पिनर जिसने 100 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच (10 टेस्ट+97 वनडे) खेले और उनके 141 विकेट से ज्यादा वनडे विकेट इस समय तक भारत के लिए सिर्फ झूलन गोस्वामी (255) ने लिए हैं। चूंकि झूलन पेसर थीं, इसका मतलब ये हुआ कि नीतू स्पिनर में टॉप पर हैं। इससे भी बड़ा रिकॉर्ड ये कि वे वनडे में 100 विकेट लेने वाली वे भारत की पहली महिला खिलाड़ी भी थीं। 2005 में वर्ल्ड कप में विकेट लिस्ट में वे टॉप पर थीं और भारत के उस साल फाइनल खेलने में उनकी गेंदबाजी का ख़ास योगदान था। वनडे हार वाले मैच में, तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (5-32, विरुद्ध न्यूजीलैंड, प्रेटोरिया, 2005) उनके नाम है।
टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो उस कम टेस्ट के दौर में भी 10 टेस्ट खेले और 41 विकेट लिए जिसमें एक पारी में सबसे बेहतर गेंदबाजी (8-53) का रिकॉर्ड शामिल है। सच तो ये है कि 2022 तक वे एक पारी में 8 विकेट लेने वाली अकेली गेंदबाज थीं और ऑस्ट्रेलिया की ए गार्डनर और भारत की स्नेह राणा का नाम उसके बाद जुड़ा। इस रिकॉर्ड प्रदर्शन के बावजूद वे एक टेस्ट में 10 विकेट का रिकॉर्ड न बना पाईं- अब भारत के लिए टेस्ट में पांचवां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (9-90) उनके नाम है। ये बात अलग है कि तब भी भारत ये टेस्ट हार गया- सिर्फ 2 रन से। नीतू मानती हैं कि किसी भी दिन उनका ये रिकॉर्ड टूटेगा पर वे चाहती हैं कि कोई भारतीय गेंदबाज ही इसे तोड़े।