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जब अनिल कुंबले को पारी में 10 विकेट दिलाने के लिए श्रीनाथ को सबकुछ भूलना पड़ा था

नई दिल्ली, 24 जुलाई| भारत के महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने 1999 में फिरोज शाह कोटला मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच की एक पारी में पूरे 10 विकेट लेने के किस्से को याद किया है।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma July 24, 2020 • 17:29 PM
Anil Kumble
Anil Kumble (Google Search)
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नई दिल्ली, 24 जुलाई| भारत के महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने 1999 में फिरोज शाह कोटला मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच की एक पारी में पूरे 10 विकेट लेने के किस्से को याद किया है। कुंबले इतिहास में यह मुकाम हासिल करने वाले दूसरे गेंदबाज हैं। उनसे पहले इंग्लैंड के जिम लेकर ने यह उपलब्धि हासिल की थी।

कुंबले ने जिम्बाब्वे के पूर्व तेज गेंदबाज पॉमलेले मांब्गावा के साथ इंस्टाग्राम पर बात करते हुए कहा, "मेरे लिए यह ऐसा है कि कल ही हुआ हो। यह मेरे लिए काफी खास है। यह वो सीरीज है जो भारत और पाकिस्तान लंबे समय बाद खेल रही थीं। यह दो मैचों की टेस्ट सीरीज थी। पहला चेन्नई में खेला गया था जिसे हम 12 रनों से हार गए थे। कोटला में जाते समय हमें पता था कि हमें जीतना होगा।"

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कुंबले ने मैच के चौथे दिन की स्थिति को बयां किया जब उन्होंने इतिहास रचा था।

उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि जब विकेट का व्यवहार दोहरा होता है या उसमें असीमित उछाल होती है तो मैं ज्यादा प्रभावी होता हूं। अगर ज्यादा स्पिन भी नहीं होती है तो ज्यादा मायने नहीं रखता क्योंकि मैं असीमित उछाल का फायदा उठा सकता हूं।"

कुंबले ने बताया कि कैसे उनके साथी तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने आश्वस्त किया था कि वह नौ विकेट के साथ मैच खत्म न करें और इसलिए वो विकेट के बाहर गेंदबाजी कर रहे थे।

उन्होंने कहा, "भोजनकाल तक पाकिस्तान को अच्छी शुरुआत मिल चुकी थी। मुझे पता था कि यह एक विकेट की बात है। भोजनकाल के बाद मैंने छोर बदला। फिर मुझे एक विकेट मिला, दूसरा मिला और फिर मिलते चले गए।

पूर्व कप्तान ने कहा, "मैं भोजनकाल से चायकाल तक गेंदबाजी करता चला गया, लेकिन मैं थक गया था। मुझे पता था कि मेरे पास मेरे प्रदर्शन को बेहतर करने का मौका है क्योंकि मैं 6 पर 6 था।"

उन्होंने कहा, "चायकाल के बाद मुझे सात, आठ, नौ विकेट मिल गए। मैंने अपना ओवर खत्म किया और श्रीनाथ आए। शायद इससे मुश्किल स्थिति में उन्होंने गेंदबाजी नहीं की होगी।"

भारतीय टीम के पूर्व कोच ने कहा, "उन्हें सब कुछ भूलना पड़ा और बाहर गेंदबाजी करनी पड़ी, लेकिन मैंने उनसे कुछ नहीं कहा था। मैंने सोचा वकीम अकरम को एक रन दे देते हैं।"

उन्होंने कहा, "मैंने सोचा मुझे एक ओवर में लेना होगा क्योंकि एक और ओवर मांगना अच्छा नहीं लगता। मेरी किस्मत में शायद यह लिखा था, पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में एक मैच से पीछे रहना, फिर यह सब होना, विशेष था।" 
 


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