साउथ अफ्रीका के कोच शुकरी कोनराड (Shukri Conrad) ने गुवाहाटी टेस्ट मैच के चौथे दिन अपनी टीम के शानदार प्रदर्शन की चर्चा में, पारी समाप्त घोषित करने में देरी के मुद्दे पर कहा कि वह चाहते थे कि भारत 'ग्रोवेल (Grovel)' करे (उनकी झुकने/गिड़गिड़ाने वाली हालत हो जाए)। उनके इस कमेंट से हर कोई हैरान और चकित रह गया। ऐसे शब्द इस्तेमाल नहीं किए जाते। संयोग से साउथ अफ्रीका ने टेस्ट 408 रन से जीत लिया और भारत पर अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की।
क्या उन्हें पता था कि क्रिकेट में 'ग्रोवेल' शब्द का क्या मतलब होता है? ये एक ऐसा बड़ा और भड़काऊ शब्द है, जिसका एक ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि ये क्रिकेट के एक बड़े बदनाम किस्से से जुड़ा है। 1976 में इंग्लैंड आई, वेस्टइंडीज टीम का का स्वागत करते हुए इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रेग ने कहा था, उनकी टीम वेस्टइंडीज को 'ग्रोवेल' पर मजबूर कर देगी।
तब उस कमेंट पर बड़ा शोर हुआ क्योंकि इसे आम तौर पर अपमानजनक और नस्लीय तौर पर असंवेदनशील माना था। दो टेस्ट मैच की सीरीज़ होने की वजह से, भारत को तो ग्राउंड पर शुकरी के कमेंट का सही जवाब देने का मौका नहीं मिला और बीसीसीआई ने भी इसे चुपचाप 'पी' लिया लेकिन ग्रेग के कमेंट को कैरिबियन शान और प्रतिष्ठा को बड़ा जोरदार झटका देने वाला माना गया। नतीजा: वेस्ट इंडीज़ ने तेज गेंदबाजी और जोरदार बल्लेबाजी के प्रदर्शन से इंग्लैंड को 3-0 से हरा दिया। यहीं से, आने वाले सालों में वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट के दबदबे का दौर शुरू हुआ। इस तरह, उनकी बेइज्जती एक मुहिम में बदल गई और उसके बाद तो इंटरनेशनल क्रिकेट का समीकरण ही बदल गया।