Advertisement

जब बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने कैसे अपनी दरियादिली से एक IPL टीम को जबरदस्त घाटे के संकट से निकाला? 

Akshay Kumar Delhi Daredevils: जब 2008 में आईपीएल शुरू हुई तो न बीसीसीआई को अंदाजा था और न टीम खरीदने वाले फ्रेंचाइजी को कि आईपीएल नाम का ये प्रयोग कितना कामयाब रहेगा? ये आज तक हो रहा है और तब

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti March 20, 2024 • 09:43 AM
जब बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने कैसे अपनी दरियादिली से एक IPL टीम को जबरदस्त घाटे के संकट से निकाला?
जब बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने कैसे अपनी दरियादिली से एक IPL टीम को जबरदस्त घाटे के संकट से निकाला? (Image Source: Twitter)
Advertisement

उस प्रोग्राम में टीम की तरफ से कप्तान और 'आइकन' खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, पाकिस्तान से आए शोएब मलिक और मोहम्मद आसिफ भी मौजूद थे पर हर नजर में अक्षय थे। वे खुद को क्रिकेट से जोड़ते रहे पर प्रेस वाले उनसे फ़िल्मी सवाल पूछते रहे। माहौल किसी क्रिकेट प्रोग्राम से ज्यादा फ़िल्मी पार्टी वाला था। 

फ्रेंचाइजी ने, अपने एक्शन स्टंट के लिए मशहूर, इस स्टार की फीस तो नहीं बताई पर ये तो सब जानते थे कि तगड़ी फीस ली होगी। बस कॉन्ट्रैक्ट हुआ और अक्षय ने भी तब क्रिकेट के साथ बॉलीवुड की शादी जैसा जिक्र भी किया था और बोले- 'जनता खेल पर खर्च किए अपने पैसे की पूरी कीमत वसूल करना चाहती है और अगर ऐसे में किसी को अपने पसंदीदा फिल्म स्टार को भी बेहतरीन क्रिकेट के साथ देखने को मिल जाए तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।'

Trending


इस तरह आईपीएल में चकाचौंध और ग्लैमर का तड़का लगाने के लिए अक्षय कुमार को ले आए जीएमआर वाले और उन्हें टीम का हिस्सा बताने के लिए इस बात को खूब चर्चा दी कि वे दिल्ली में पैदा हुए, यहीं परवरिश हुई और उनका दिल अपने शहर दिल्ली के लिए धड़कता है। अक्षय चमकदार लाल रंग की ड्रेस में थे- वहीं टीम का लोगो रिलीज हुआ और टीम जर्सी और टी-शर्ट भी लॉन्च की गई।

तो अक्षय कुमार के साथ डील की शुरूआत धमाकेदार हुई- उन्हें टीम के लिए प्रमोशन फिल्म की शूटिंग के अलावा, बड़े टीम इवेंट्स और कॉर्पोरेट प्रोग्राम में मौजूद रहना था पर सच ये है कि जैसे ही आईपीएल शुरू हुआ, डीडी वाले अक्षय को भूल ही गए- दूसरे शब्दों में उन्हें मालूम ही नहीं था कि अक्षय का फायदा  कैसे उठाना है? बाक़ी का काम आईपीएल के हिट होने से हो गया। टी20 क्रिकेट की ऐसी धूम रही कि क्रिकेट को किसी और सहारे की कोई जरूरत ही नहीं थी। 

ये सब तो ठीक रहा पर जब सीज़न के आखिर में अकाउंट बने तो पहले से जो अंदाजा था वही हुआ- लगभग हर टीम घाटे में रही। फ्रेंचाइजी घाटे के लिए तैयार थे पर इतने बड़े घाटे के लिए नहीं- जो आईपीएल की चकाचौंध के चक्कर में हुए खर्चे से सामने आया। जीएमआर को साथ में खटकी अक्षय कुमार की बड़ी फीस- यूं लगा कि बिना 'किसी काम' उन्हें बहुत बड़ी रकम दे रहे हैं। जीएमआर के ऑफिस में इस मसले पर क्या हो रहा था- बाहर किसी को भी कुछ मालूम नहीं था। 

आईपीएल 2009 से पहले जब सब फ्रेंचाइजी खर्च की बातें कर रहे थे तो मीडिया में बस इतनी सी खबर आई कि दिल्ली ने अक्षय कुमार के साथ कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया और बात खत्म हो गई। पर्दे के पीछे क्या हुआ, किसी को कुछ मालूम नहीं था। इस किस्से का जिक्र, कई साल बाद अब, बीसीसीआई के साथ कई सीनियर पोस्ट पर काम कर चुके और आईपीएल के शुरू के सालों में दिल्ली फ्रेंचाइजी के साथ सीईओ के तौर पर जुड़े अमृत माथुर ने अपनी नई किताब 'पिचसाइड: माई लाइफ इन इंडियन क्रिकेट' किया है और उसी से अब पता चला कि वास्तव में ये मामला कैसे सुलझा? 

ऑफिशियल तौर पर कभी ये नहीं बताया गया था कि अक्षय के साथ किस कीमत का कॉन्ट्रैक्ट था पर उस समय की कुछ मीडिया रिपोर्ट में 5 करोड़ रुपये सालाना के कॉन्ट्रैक्ट का जिक्र है। असल में, इन हालात में, अब फ्रेंचाइजी के सामने दो सवाल थे- अगर अक्षय को इतनी बड़ी रकम दी तो सीजन का घाटा और बढ़ जाएगा और चूंकि कॉन्ट्रैक्ट 3 साल का है तो आगे के सालों के कॉन्ट्रैक्ट से कैसे बचें? 

किसी भी एक्शन से पहले, फ्रेंचाइजी ने वही किया जो ऐसे में सबसे जरूरी था- कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों को लॉ की तराजू में जांचा गया और तब पता चला कि अक्षय की तरफ से उनकी लीगल टीम ने ऐसा कॉन्ट्रैक्ट बनाया था जिसमें न तो सीजन की फीस से बचने का कोई तरीका था और न ही 3 साल से पहले ये कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म किया जा सकता था। रास्ता निकलने के लिए- अमृत माथुर खुद अक्षय कुमार से मिले और तब जो हुआ उसकी आज के पेशावर और सिर्फ अपना फायदा देखने वाले युग में कोई उम्मीद भी नहीं कर सकता। 

इस मसले को सुलझाना दिल्ली कैपिटल्स के लिए आसान नहीं था। फ्रेंचाइजी के नजरिए से ये कॉन्ट्रैक्ट किसी सेल्फ-गोल या हिट-विकेट जैसा था। अमृत माथुर, अक्षय कुमार से, चांदनी चौक टू चाइना फिल्म की शूटिंग के दौरान, उनकी वैनिटी वैन में मिले और जो हालात थे उन्हें साफ़-साफ़ बता दिए। झिझकते हुए, ये भी बता दिया कि इस कॉन्ट्रैक्ट की पेमेंट फ्रेंचाइजी के अकाउंट की ऐसी बुरी हालत कर देगी जिसका नतीजा सोच भी नहीं सकते। अक्षय ने आराम से, बिना किसी रिएक्शन, सब सुना और उसके बाद आराम से, बस इतना ही, बोले- 'कोई बात नहीं जी। अगर ये कॉन्ट्रैक्ट काम नहीं कर रहा है, तो इसे बंद कर दें।' अमृत माथुर को लगा, वे ठीक तरह से सुन नहीं पाए तो उनकी हैरानी भांप कर अक्षय कुमार ने फिर से कहा- 'इसको ख़त्म कर देते हैं।' अमृत माथुर ने जवाब दिया कि कॉन्ट्रैक्ट में बड़ी सख्त शर्तें लिखी हैं और एडवोकेट ने कह दिया है कि कुछ नहीं हो सकता तो वे बोले- 'कोई बात नहीं, मैं वकील को बोल दूंगा।' 

Also Read: Live Score

अमृता माथुर, आज भी ये सोच कर हैरान होते हैं कि अक्षय ने इतनी बड़ी रकम माफ कर दी। एकदम फैसला लिया जबकि वह बड़ी आसानी से कॉन्ट्रैक्ट को फ्रेंचाइजी पर थोप सकते थे और सिर्फ अपने चैक से मतलब रखते। ये दरियादिली की आईपीएल में सबसे बेहतरीन मिसाल है।
 



Cricket Scorecard

Advertisement