भारत का नया स्टार यशस्वी जायसवाल, सबसे कम उम्र में जड़ा दोहरा शतक, गोल-गप्पे भी बेचे और टैंट में भी रहा
मुंबई के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने बुधवार (16 अक्टूबर) को झारखंड के खिलाफ खेले गए विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले में दोहरा शतक जड़कर इतिहास रच दिया। यशस्वी ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 154 गेंदों में 17 चौकों औऱ
तीन साल यशस्वी टैंट में ही रहे,जहां बिजली तक नहीं थी। दिन भर आजाद मैदान में क्रिकेट खेलने के बाद वो वहीं टैंट में सो जाया करते थे। इस दौरान वह मैदान अंपायरिंग और स्कोरिंग का काम भी किया करते थे, जिसमें उन्हें दोपहर का खाना फ्री मिल जाता था और थोड़े बहुत पैसे भी, जिससे वह अपने बाकी समय के खाने का इंतजाम करते थे।
गोल-गप्पे भी बेचे
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पैसे की तंगी के चलते यशस्वी ने आजाद मैदान में गोल-गप्पे की दुकान पर भी काम किया। हांलाकि उन्हें डर रहता था कि उनका कोई दोस्त उन्हें ये काम करता हुआ ना देख ले। जब वह अपने किसी दोस्त को देख लेते तो दुकान छोड़कर कहीं छिप जाते थे।
कोच ने बदली जिदंगी
साल 2013 में नेट्स प्रैक्टिस के दौरान यशस्वी की मुलाकात उनके मौजूदा कोच ज्वाला सिंह से हुई,जो अपनी खुद की क्रिकेट अकेडमी चलाते थे। यशस्वी के टैलेंट से ज्वाला काफी प्रभावित हुए औऱ उसको अपने साथ रखकर उसके खेल को और निखारने का फैसला किया।
एक टीवी इंटरव्यू के दौरान ज्वाला ने बताया था कि वह भी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से क्रिकेटर बनने की चाहत लेकर मुंबई आए थे। लेकिन कोई गॉडफादर ना होने के कारण वो इसमें कामयाब नहीं हुए। उन्होंने यशस्वी के अंदर खुद को देखा और उसकी मदद करने का फैसला किया।
यशस्वी भी अपनी पूरी सफलता का श्रेय ज्वाला सिंह को ही देते हैं।
अर्जुन तेंदुलकर के रूम पार्टनर रहे
यशस्वी पिछले साल श्रीलंका दौरे पर गई भारत की अंडर 19 क्रिकेट टीम का हिस्सा थे। भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन भी इस टीम का हिस्सा थे। मुंबई के लिए खेलने और इस सीरीज के दौरान वह अर्जुन के रूम पार्टनर भी रहे। यशस्वी के फेवरेट क्रिकेटर भी सचिन ही हैं। श्रीलंका दौरे पर जान से पहले सचिन ने यशस्वी के बल्ले पर ऑटोग्राफ देकर उसे शुभकामनाएं दी थी।
सौरभ शर्मा