बचपन में पिता को खोया, घर चलाने के लिए करना पड़ा काम, चुनौतियों से लड़कर वेटलिफ्टर बने अंचिता शेउली (Image Source: IANS)
वेटलिफ्टर अंचिता शेउली ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने दमखम के बूते पहचान बनाई है। इस युवा प्रतिभा ने कई प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं। शेउली की मेहनत और फिटनेस ने उन्हें बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जिताया।
अंचिता शेउली का जन्म 24 नवंबर 2001 को हुआ था। पिता एक मजदूर थे। ऐसे में किसी तरह परिवार का गुजर-बसर हो पाता था। कोलकाता के पास देउलपुर में पले-बढ़े अंचिता शेउली के बड़े भाई आलोक एक वेटलिफ्टर थे, जिन्हें देखकर अंचिता ने इस खेल को चुना।
दरअसल, अंचिता बेहद शर्मीले थे। भाई चाहते थे कि अंचिता निडर बनें। यही वजह रही कि उन्होंने अपने छोटे भाई को इस खेल से परिचित करवाया।