बचपन में हादसा, लेना पड़ा व्हीलचेयर का सहारा, प्रेरणादायक है पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अवनि लेखरा की (Image Source: IANS)
पैरालंपिक गेम्स में 2 बार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वालीं भारतीय पैरा निशानेबाज अवनि लेखरा ने देश का मान बढ़ाया है। स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के बावजूद अवनि ने दृढ़ संकल्प और मेहनत से विश्व स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है।
8 नवंबर 2001 को जयपुर (राजस्थान) में जन्मीं अवनि को बचपन से ही काफी संघर्ष करना पड़ा। जब वह महज 11 साल की थीं, तो एक दुर्घटना के चलते कमर का निचला हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया।
इस हादसे ने अवनि की जिंदगी बदल दी। अब उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता था। इस हादसे का अवनि पर गहरा प्रभाव पड़ा। हल्का सामान उठाना भी उनके लिए मुश्किल था, लेकिन तमाम परेशानियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।