सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के तीन सदस्यीय जांच पैनल को किया खारिज

Updated: Sat, Jan 10 2015 00:05 IST
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नई दिल्‍ली, 22 अप्रैल (हि.स.)। उच्चत्तम न्यायालय ने मंगलवार को न्यायमूर्ति मुदगल समिति से पूछा कि क्या वह एन श्रीनिवासन और उन वरिष्ठ क्रिकेटरों के खिलाफ जांच करने की इच्छुक हैं, जिनका नाम सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग को लेकर उसकी रिपोर्ट में शामिल है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि समिति जांच करने को लेकर सहमत होती है तो उसे जांच एजेंसियों की मदद मुहैया कराई जाएगी। न्यायालय ने यह टिप्‍पणी आज आईपीएल स्‍पॉट फिक्सिंग मामले की सुनवाई के दौरान की।
सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई की तीन सदस्‍यीय जांच समिति को खारिज कर दिया। गौर हो कि बीसीसीआई ने बीते दिनों स्‍पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए तीन नाम सुझाए थे। वहीं, आज बीसीसीआई की जांच समिति पर याचिकाकर्ता ने भी सवाल उठाए। याचिकाकर्ता ने इस मामले में केंद्रीय अदालत में अपना विरोध प्रकट किया।
वहीं, उच्चत्तम न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पुलिस जांच पर अविश्‍वास जताते हुए मुदगल से पूछा कि क्‍या वह एसआईटी प्रमुख बनेंगे? मुदगल समिति ने आज बयानों की ऑडियो रिकार्डिंग न्यायालय को सौंपी। यह रिकार्डिंग नवंबर 2013 से जनवरी 2014 के बीच की है। यह सभी रिकार्डिंग पेन ड्राइव में दर्ज करके न्यायालय को सौंपी गई।
विदित हो कि आईपीएल स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण से मुसीबतों में घिरे बीसीसीआई ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसे भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री और पूर्व सीबीआई निदेशक आरके राघवन सहित तीन सदस्यीय समिति का सुझाव दिया लेकिन उसके इस कदम का तुरंत ही याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने पुरजोर विरोध कर दिया था। बोर्ड की कार्य समिति ने यहां आपात बैठक के दौरान जांच समिति के तीसरे सदस्य कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएन पटेल बनाये गये हैं। पता चला है कि लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के नाम पर भी बैठक में विचार किया गया लेकिन बाद में कार्य समिति ने उपरोक्त तीन लोगों को चुना।

उच्चतम न्यायालय ने 16 अप्रैल को मामले की पिछली सुनवाई के दौरान आईपीएल छह स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण की ‘निष्पक्ष जांच’ के लिए लोगों के नाम का सुझाव देने को कहा था। उच्चतम न्यायालय ने 22 अप्रैल को अगली सुनवाई के दौरान बीसीसीआई के सुझाव पर विचार करना तय किया था। बोर्ड से मान्यता प्राप्त कुछ इकाइयों ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद कार्य समिति की आपात बैठक बुलाने की मांग की थी जिसके बाद यह बैठक बुलाई गई।

तीन सदस्यीय समिति के नामों की घोषणा के तुरंत बाद आईपीएल स्पाट फिक्सिंग के मामले में बीसीसीआई को उच्चतम न्यायालय में घसीटने वाले गैरमान्यता प्राप्त क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (कैब) के प्रमुख आदित्य वर्मा ने इसका विरोध किया तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) में से किसी एक से आईपीएल के इस प्रकरण की जांच की मांग की है। हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द/वंदना

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