सही भावना से खेलना सीमा लांघने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण-धोनी
मीरपुर/नई दिल्ली, (हि.स.) । भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने भारत-पाक प्रतिद्वंद्विता को अन्य मैचों जैसा बताया है।धोनी के अनुसार, सही भावना से खेलना सीमा लांघने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है जबकि हफीज़ यह साफ कर देना चाहते हैं कि किसी एक विशेष मैच के बजाय आईसीसी विश्व टी20 का खिताब अधिक अहम है।
इन दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच मुकाबले की लोकप्रियता कम होने के बारे में पूछे जाने पर धोनी ने कहा कि हां, भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा लेकिन मेरा मानना है कि पिछले कुछ वर्षों से प्रतिद्वंद्विता में कमी आयी है। अब आपको पिछली पीढ़ी के खिलाड़ियों की तरह आपस में उलझने की घटनाएं देखने को नहीं मिलेंगी।
धोनी ने कहा, जब हम युवा थे तब इन मैचों को देखते हुए तनाव में रहते थे। मैचों में क्रिकेट से इतर कई अन्य घटनाएं भी होती थी। यह अच्छा है कि आजकल ऐसा नहीं होता है। आप सीमा में रहना चाहते हो। यदि हमें सही तरह से खेल को आगे बढ़ाना है तो फिर हमें सही खेल भावना से खेलना होगा।
धूसरी तरफ हफीज़ से पूछा गया कि वह पाकिस्तानी प्रशंसकों के बारे में क्या सोचते हैं जो चाहते हैं कि पाकिस्तान विश्व टी20 ट्रॉफी जीते या न जीते लेकिन भारत को हराने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि प्रशसंकों की अपेक्षाओं के बारे में जानना अच्छा है लेकिन हम विश्व टी20 ट्रॉफी जीतना पसंद करेंगे। इसके लिए हमें अच्छी शुरुआत करनी होगी और आज का मैच जीतना होगा। यदि खिलाड़ी एक समय पर एक मैच पर ध्यान देंगे तो अच्छा प्रदर्शन करेंगे लेकिन हम निश्चित तौर पर इस मैच पर ध्यान दे रहे हैं।
दोनों टीमों के कप्तान जब ऐसा सोचते हैं तो फिर वेंकटेश प्रसाद ने बेंगलूरू में जिस तरह से आमिर सोहेल को पवेलियन लौटने का इशारा किया था, शायद ही मोहम्मद शमी किसी पाकिस्तानी बल्लेबाज के लिए ऐसा करें या सिडनी में किरण मोरे के चिढ़ाने पर जिस तरह से जावेद मियादाद उछलने लगे उस तरह का व्यवहार उमर अकमल से शायद ही देखने को मिले।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील