वो 3 बड़े भारतीय खिलाड़ी जो कभी नहीं खेल पाएंगे टी-20 इंटरनेशनल
टी-20 क्रिकेट यानी क्रिकेट के सबसे फटाफट प्रारूप के आने से टीमें भी उसके हिसाब के खिलाड़ियों को तैयार करती है। वो ऐसे ही बल्लेबाजों और गेंदबाजी को तरजीह देने के बारे सोचते हैं जो थोड़ा आक्रामक खेल दिखा और फिटनेस में भी वो काफी बेजोड़ हो। हालांकि भारतीय टीम में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिन्होंने भले ही वनडे और टेस्ट के जरिए अपने इंटरनेशनल क्रिकेट को शुरु कर लिया है लेकिन शायद ही उन्हें टी-20 क्रिकेट में मौका मिले।
एक नजर उन 3 बड़े खिलाड़ियों पर जो भारत के लिए कभी भी टी-20 इंटरनेशनल नहीं खेल पाएंगे।
चेतेश्वर पुजारा - भारत के टेस्ट स्पेशलिस्ट चेतेश्वर पुजारा ने साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और साल 2013 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने वनडे क्रिकेट में कदम रखा। हालांकि पुजारा को कभी भी टी-20 में भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। वनडे में भी उन्होंने केवल 5 मैच ही खेले हैं। हालांकि पुजारा आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, केकेआर, पंजाब किंग्स और चेन्नई सुपर किंग्स की टीम का हिस्सा रह चुके हैं और उन्होंने इस दौरान 30 मैचों में 390 रन बनाए है।
रिद्धिमान साहा - भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा को क्रिकेट फैंस ने आईपीएल में कई बार विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए देखा होगा। साल 2014 के फाइनल में उन्होंने पंजाब की टीम से खेलते हुए केकेआर के खिलाफ शतक जमाया था और नाबाद 115 रनों की पारी खेली थी। हालांकि साल 2010 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू और उसी साल न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया है। लेकिन वर्तमान में भारतीय टीम में कई ऐसे टी-20 स्पेशलिस्ट विकेटकीपर है जैसे पंत, सैमसन और ईशान किशन जिनके रहते अब साहा का भारत के लिए टी-20 में खेलना लगभग मुश्किल है।
3) हनुमा विहारी - भारत की टेस्ट टीम में अपनी स्थाई जगह बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज ने टेस्ट के अलावा अपना वनडे डेब्यू भी नहीं किया है। इस लिहाज से वो भारत के लिए कभी टी-20 क्रिकेट भी नहीं खेल पाएंगे। उन्होंने साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। अभी वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम में टी-20 धुरंधरों की एक अलग टीम है। इस लहजे से इनके लिए अब भारत की टी-20 टीम में अब जगह नहीं बनती।