'662 रन की लीड फिर भी जीतने की कोशिश नहीं की', रणजी ट्रॉफी फॉर्मैट पर भड़के आकाश चोपड़ा
पूर्व भारतीय बल्लेबाज और मशहूर कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने मौजूदा रणजी ट्रॉफी फॉर्मैट पर सवाल उठाया है। मुंबई और उत्तर प्रदेश (यूपी) के बीच रणजी ट्रॉफी 2022 के दूसरे सेमीफाइनल का जिक्र करते हुए, चोपड़ा ने अफसोस जताया कि मुंबई ने पहली पारी में बढ़त हासिल करने के बाद भी जीतने की कोई इच्छा नहीं दिखाई। रणजी ट्रॉफी का फॉर्मैट ऐसा है जहां मैच ड्रॉ होने की सूरत में पहली पारी में बढ़त हासिल करने वाली टीम टूर्नामेंट में आगे बढ़ जाती है और अब आकाश ने इसी फॉर्मैट को लेकर सवाल खड़ा किया है।
बेंगलुरु में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में उत्तर प्रदेश के साथ ड्रॉ के बाद मुंबई फाइनल में पहुंच गई। अपनी पहली पारी में 393 रन बनाने के बाद, मुंबई ने यूपी को 180 रनों पर समेट दिया। इसके बाद अपनी दूसरी पारी में, उन्होंने 156 ओवर बल्लेबाजी की और चार विकेट पर 533 रन बनाए। मुंबई की कुल बढ़त 662 रन की हो चुकी थी लेकिन उन्होंने मैच जीतने की कोई इच्छा नहीं दिखाई और ये मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ और मुंबई ने फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया।
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए कहा, “मुंबई फाइनल में पहुंचने का हकदार था लेकिन उसकी बढ़त (दिन 4 के अंत में) 662 रन थी। ये रणजी ट्रॉफी प्रारूप के साथ एक समस्या है और ये मेरा बड़ा मुद्दा है। अगर पहली पारी की बढ़त के आधार पर रणजी ट्रॉफी मैच विजेता का फैसला होना है, तो क्यों खेलें? मुंबई ने सेमीफाइनल जीतने की भी कोशिश नहीं की। पहली पारी की बढ़त हासिल करने के बाद वो लगातार बल्लेबाजी करते रहे। इससे मेरा दिल टूट गया।"
आगे बोलते हुए आकाश ने कहा, “मुंबई ने एक और रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई है और वो एक बार फिर से टूर्नामेंट जीतने के लिए फेवरिट होंगे। यशस्वी जायसवाल ने दिखाया है कि वो एक रक्षक के साथ-साथ विध्वंसक भी हो सकते हैं। ये उनका केवल तीसरा प्रथम श्रेणी मैच था और यूपी की एक अच्छी टीम के खिलाफ दोनों पारियों में शतक बनाना एक सराहनीय प्रयास था।”