'विराट कोहली का फेक फील्डिंग था, 100% था, हमें 5 रन की पेनल्टी पड़ती'
बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 वर्ल्ड कप में शानदार जीत के बाद विराट कोहली लाइमलाइट में हैं लेकिन इसके पीछे की वजह भारतीय फैंस को पसंद नहीं आ रही है। इस मैच में बांग्लादेश की हार के बाद उनके कीपर-बल्लेबाज नूरुल हसन ने विराट कोहली पर फेक फील्डिंग का आरोप लगाया है और उनके इस आरोप के बाद सोशल मीडिया पर बांग्लादेश को तो ट्रोल किया ही जा रहा है लेकिन इसी बीच कई पूर्व क्रिकेटर्स इस मामले पर अलग-अलग राय दे रहे हैं।
इसी कड़ी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर औऱ मशहूर कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने भी अपनी राय दी है और उनका मानना है कि विराट कोहली ने फेक फील्डिंग की थी। ये घटना बांग्लादेश की पारी के 7 वें ओवर की दूसरी गेंद पर घटित हुई थी, जब भारत के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने गेंद को डीप से थ्रो किया और कीपर दिनेश कार्तिक की ओर फेंका था क्योंकि इस बीच बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज लिटन दास और नजमुल हसन शांतो दूसरे रन का प्रयास कर रहे थे। तभी इस सब के बीच, कोहली ने गेंद को पकड़कर उसे थ्रो करने का इशारा किया, जबकि गेंद उनके पास थी ही नहीं। इसी कारण कोहली पर फेक फील्डिंग का आरोप लग रहा है।
इन सबके बीच आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए कहा, "वो फेक फील्डिंग थी, 100% थी, वो जो थ्रो मारने का प्रयास किया वो अगर अंपायर देखते तो हमको 5 रन की पेनल्टी लगती और 5 रन से हम मैच भी जीते। तो हम यहां से बच गए लेकिन अगली बार अगर कोई ऐसा करता है तो अंपायर्स को अधिक सावधान रहना होगा। तो क्या बांग्लादेश सही है? हां, वो हैं लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए अब कुछ नहीं कर सकते।"
क्या कहता है 'फेक फील्डिंग का नियम?
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क्रिकेट का नियम 41.5, अनुचित खेल से संबंधित है और ये कहता है, "किसी भी क्षेत्ररक्षक के लिए जानबूझकर, शब्द या क्रिया द्वारा, स्ट्राइकर द्वारा गेंद खेलने के बाद बल्लेबाज को विचलित करना, धोखा देने या बाधित करने का प्रयास करना अनुचित है।" आसान शब्दों में कहें तो अगर अंपायर को लगता है कि फील्डर ने फेक डाइव या थ्रो करके बल्लेबाजों को धोखा देने की कोशिश की है या गेंद उसके पास नहीं होने पर फील्डिंग का कोई और इशारा किया है तो वे फील्डिंग टीम को पांच पेनल्टी रन दे सकते हैं।