पाकिस्तान क्रिकेट का फर्जीवाड़ा आया सामने, 16 साल के नसीम शाह की उम्र को लेकर खड़ा हुआ विवाद

Updated: Sat, Nov 23 2019 12:59 IST
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23 नवंबर। आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर पहला टेस्ट मैच खेला जा रहा है। पाकिस्तान ने युवा तेज गेंदबाज नसीम शाह को इस मैच से टेस्ट पदार्पण का मौका दिया है। 

नसीम ने अपने पहले मैच में खासा प्रभावित किया। ठीक उसी तरह जिस तरह उन्होंने अभ्यास मैच में किया था। हां, अंतर यही था कि वहां नसीम के खाते में विकेट है, तो यहां यह कॉलम खाली है। नसीम बेशक बेहद निराश होंगे लेकिन मैदान के बाहर उनकी नजर जाएगी तो निश्चित तौर पर वह सहम जाएंगे।

इसका कारण है कि 16 साल के इस गेंदबाज की सभी ने प्रशंसा की। वकार युनिस ने उन्हें आस्ट्रेलियाई दिग्गज डेनिस लिली जैसे एक्शन वाला गेंदबाज बताया। नसीम के लिए अभी तक सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन तभी पाकिस्तानी अखबार डॉन का एक पुराना लेख हवा में तैरते हुए लोगों की नजरों में आ गया।

इस लेख में वेस्टइंडीज के दिग्गज एंटी रॉबर्ट्स ने नसीम के बारे में कहा था, "मैं यह निश्चित तौर पर कहना चाहता हूं कि मुझे यह युवा तेज गेंदबाज काफी पसंद आया। यह गेंदबाज सिर्फ 16 साल का है।"

यह लेख सात अक्टूबर, 2016 का है और आज की तारीख 22 नवंबर, 2019 है। यानि तीन साल के बाद भी नसीम 16 साल के ही हैं। वह शायद बढ़ नहीं रहे हैं, या उन्होंने ऐसी कोई दवाई ले ली है जिससे उनकी उम्र स्थिर हो गई है। इंटरनेट पर खोज करने पर नसीम से संबंधित कुछ और पुराने ट्वीट और यूट्यूब वीडियो मिलेंगे, जिनमें वह पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) की टीम क्वेटा ग्लैडिएटर्स के साथ हैं और उनकी उम्र 17 साल बताई गई है।

नसीम की उम्र में गड़बड़ है इस बात की तस्दीक पाकिस्तानी पत्रकार साज सादिक का 2018 में किया गया ट्वीट करता है। सादिक ने अपने ट्वीट में लिखा है, "पाकिस्तान सुपर लीग में क्वेटा ग्लैडिएटर्स की टीम में शामिल किए गए 17 साल के तेज गेंदबाज नसीम शाह को पीठ में चोट लगी है। वह ट्रेनिंग पर लौट आए हैं और उम्मीद है कि पीएसएल के चौथे सीजन तक फिट हो जाएंगे।"

खैर, यह असल मायनों में उम्र के साथ छेड़छाड़ का मामला हो सकता है जो पाकिस्तान में आम बात है। याद कीजिए पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी की किताब। अफरीदी के नाम रिकार्ड है कि उन्होंने 16 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था लेकिन अपनी ही किताब में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने इस बात को झुठला दिया है। किताब में अफरीदी ने साफ कहा है कि पदार्पण के समय उनकी उम्र 19 साल की थी।

वो कहावत है 'हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फारसी क्या' मतलब जब सच सामने है तो सबूत क्या चाहिए। अफरीदी का मामला इसी की बानगी है जो यह भी साबित करता है कि पाकिस्तान में इस तरह उम्र से खिलवाड़ आसानी से किया जा सकता है और वर्षो तक इसे दबाया जा सकता है।

तकनीक के जमाने में जन्में नसीम हालांकि थोड़े बदकिस्मत रह गए। वो लेख अगर सामने नहीं आता और ट्वीटर तथा यूट्यूब नहीं होते तो तीन साल छोटा हुआ यह खिलाड़ी उम्र को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई तरह के रिकार्ड भी बना लेता।

अब देखना होगा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस बात का संज्ञान ले क्या करता है, करता भी है या नहीं!

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