AUS vs IND: इयान चैपल ने कहा, अंजिक्य रहाणे बहादुर, स्मार्ट हैं, टीम उनका सम्मान करती हैं

Updated: Sun, Jan 03 2021 13:51 IST
Indian Cricketer Ajinkya Rahane

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल (Ian Chappell) ने भारत के कार्यवाहक कप्तान अजिक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) की तारीफ की है और कहा है कि वह बहादुर, स्मार्ट और शांत खिलाड़ी हैं। भारत ने रहाणे की कप्तानी में दूसरे टेस्ट मैच में जीत हासिल की थी और चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-1 से बराबरी की थी।

बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच की जीत इसलिए भी अहम थी क्योंकि भारत को पहले टेस्ट मैच में हार मिली थी और दूसरे टेस्ट मैच में वह अपने नियमित कप्तान तथा शीर्ष बल्लेबाज विराट कोहली के बिना उतरी थी। रहाणे ने उस टेस्ट मैच से पहले दो बार टीम की कप्तानी की थी और दोनों बार जीत हासिल की थी।

चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो में अपने कॉलम में लिखा, "इसमें कोई हैरानी नहीं है कि रहाणे ने एमसीजी में टीम की शानदार कप्तानी की। उन्होंने 2017 में धर्मशाला में कप्तानी की थी। कह सकते हैं कि यह खिलाड़ी क्रिकेट टीम की कप्तानी करने के लिए ही पैदा हुआ है।"

चैपल ने लिखा, "2017 में धर्मशाला में हुए मैच में और एमसीजी में हुए मैच में काफी समानताएं हैं। पहली तो यह कि यह मैच दो बेहतरीन प्रतिस्पर्धी टीमों के बीच था और इसके बाद पहली पारी में निचले क्रम में अहम योगदान दिया और अंतत: रहाणे ने आक्रामकता के साथ बल्लेबाजी की और टीम को विजयी टोटल की तरफ ले गए।"

रहाणे ने एमसीजी में पहली पारी में शानदार शतक जमाया था और दूसरी पारी में नाबाद 27 रन बनाए थे।

चैपल ने लिखा, "एक कप्तान के तौर पर यह रहाणे की सफलता का हिस्सा है- वह बहादुर और चतुर हैं। दो अहम खूबियों के अलावा उनकी नेतृत्व क्षमता में काफी कुछ है। जब चीजें उनके हाथ से निकलने लगती हैं तो वह शांत रहते हैं।"

उन्होंने कहा, "उन्होंने टीम के साथियों का सम्मान पाया है। यह अच्छी कप्तानी का सबसे अहम पहलू है और जब जरूरत पड़ी तो उन्होंने रन किए।"

चैपल ने कहा कि भारतीय टीम जानती थी कि कोई एक विराट कोहली की गैरमौजूदगी की भरपाई नहीं कर सकता इसलिए अतिरिक्त प्रयास की जरूरत होगी।

उन्होंने लिखा, "जसप्रीत बुमराह हमेशा की तरह शानदार प्रदर्शन कर रहे थे, बल्लेबाजों पर लगातार आक्रमण कर रहे थे। रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में हासिल नए आत्मविश्वास के साथ स्टीव स्मिथ पर अपना प्रभाव छोड़ा। इससे भारतीय टीम का आत्मविश्वास बढ़ा। सीनियर खिलाड़ियों से प्रेरित होकर शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज ने अहम योगदान दिया।"

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