भारतीय क्रिकेट टीम की कोचिंग के लिए अनिल कुंबले तैयार
बेंगलुरु, 24 जून| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच चुने गए पूर्व टेस्ट कप्तान अनिल कुंबले अपना काम शुरू करने के लिए तैयार हैं। कोच पद पर नियुक्ति के बाद 45 वर्षीय कुंबले ने यहां संवाददाताओं को बताया, "मैं नई जिम्मेदारी के लिए तैयार हूं क्योंकि मैंने हर चुनौती के लिए हमेशा खुद को तैयार रखा है।"
टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले कुंबले अपने घर पर परिजनों के साथ मीडिया से मुखातिब हुेए। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कोच की भूमिका हमेशा पर्दे के पीछे की रहती है। पहले खिलाड़ी आते हैं।
टीम के ड्रेसिंग रूम में एक बार फिर जाने को उन्होंने एक सम्मान की बात बताया। हालांकि, इस बार उनका किरदार बदल गया है।
कुंबले ने कहा कि वह इस फैसले से काफी खुश हैं और शुक्रगुजार हैं। मुख्य कोच पद के लिए उनका नाम चुनने के लिए पूर्व टेस्ट कप्तान ने बोर्ड की सलाहकार समिति का शुक्रिया अदा किया।
कोच पद पर कुंबले की नियुक्ति के पक्ष में राय देने वाली समिति में सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली थे।
कुंबले ने कहा, "भारतीय क्रिकेट के लिए यह बेहतरीन समय है। मैंने सचिन, सौरव, वी.वी.एस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के साथ काफी लंबे समय तक खेला है तथा हम पांचों का मैदान के बाहर भी काफी अच्छा रिश्ता है।"
कुंबले जुलाई में वेस्टइंडीज के दौरे पर जाने वाली टेस्ट टीम के साथ जुड़ेंगे। वेस्टइंडीज में भारत को चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है।
चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के बारे में कुंबले ने कहा, "हमारी रणनीति निश्चित तौर पर जीतने की होगी। मेरे पास आगामी श्रृंखलाओं के लिए छोटी और बड़ी योजना है। मुझे खिलाड़ियों के साथ बैठकर इन योजनाओं पर चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि उनके और समर्थक स्टाफ के बिना मैं इन पर अमल नहीं कर सकता।"
2008 में संन्यास लेने वाले कुंबले 2010 से 2013 तक कर्नाटक क्रिकेट संघ (केएससीए) के अध्यक्ष भी रहे।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2008-10 के संस्करण में कुंबले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर और उसके बाद 2015 तक मुंबई इंडियंस के मेंटर रहे।
कुंबले ने कहा, "भले ही मैं 18 साल तक अपने घर से दूर रहा हूं और देश में यात्रा की और खेला, लेकिन मेरे परिवार ने कोच बनने के मेरे फैसले का समर्थन किया। इसका मतलब यह है कि मुझे फिर से टीम के ड्रेसिंग रूम में लौटना है और काफी यात्राएं करनी हैं।