आयुष म्हात्रे ने भी नहीं मिलाया पाकिस्तानी कैप्टन से हाथ, जूनियर टीम ने भी किया हैंडशेक के जरिए बॉयकॉट
दुबई में आयोजित ACC मेन्स अंडर-19 एशिया कप के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जा रहे बहुप्रतीक्षित मुकाबले से पहले एक छोटा लेकिन चर्चित क्षण देखने को मिला। मैच के टॉस के समय भारतीय टीम के कप्तान आयुष म्हात्रे और पाकिस्तान के कप्तान फरहान यूसुफ आमने-सामने आए, लेकिन इस दौरान हाथ मिलाने की सामान्य परंपरा नहीं निभाई गई।
आयुष म्हात्रे पाकिस्तानी कप्तान से बिना हाथ मिलाए आगे बढ़ गए जिससे ये साफ हो गया कि जूनियर भारतीय टीम भी सीनियर भारतीय टीम की तरह पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हैंडशेक नहीं करेगी। भारत-पाकिस्तान मुकाबले हमेशा से ही सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहे हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही प्रतिस्पर्धा के कारण हर छोटी घटना भी चर्चा का विषय बन जाती है।
टॉस के दौरान हुआ ये पल भी कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों ने इस पर अलग-अलग राय व्यक्त की और ये विषय ऑनलाइन बहस का केंद्र बन गया। हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई मौकों पर देखा गया है कि भारतीय खिलाड़ी बड़े टूर्नामेंटों में अपने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ औपचारिक हाथ मिलाने से बचते नजर आए हैं।
ICC और ACC प्रतियोगिताओं में इस तरह के दृश्य पहले भी सामने आ चुके हैं। इसी वजह से कई लोगों ने आयुष म्हात्रे के व्यवहार को किसी व्यक्तिगत फैसले के बजाय एक व्यापक चलन से जोड़कर देखा। फैंस की प्रतिक्रियाएं इस मामले में साफ तौर पर बंटी हुई नजर आईं। भारतीय समर्थकों के एक वर्ग ने अपने कप्तान का समर्थन किया और इसे मौजूदा हालात और दोनों देशों के बीच तीखी प्रतिद्वंद्विता का प्रतिबिंब बताया। उनके अनुसार, मैदान पर भावनाओं का असर दिखना स्वाभाविक है, खासकर ऐसे हाई-प्रोफाइल मुकाबलों में।
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वहीं दूसरी ओर, कुछ क्रिकेट प्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों ने इस घटना पर चिंता भी जताई। उनका मानना है कि अंडर-19 स्तर का क्रिकेट खिलाड़ियों के विकास, अनुशासन और खेल भावना को सीखने का मंच होता है। ऐसे टूर्नामेंटों में आपसी सम्मान और खेल के मूल्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि युवा खिलाड़ी सही संदेश के साथ आगे बढ़ सकें।