सलाम चुनाव में जेकेसीए का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते'
11 अक्टूबर। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के चुनाव 23 अक्टूबर को होने हैं। इससे पहले बोर्ड के चुनाव अधिकारी एन. गोपालस्वामी ने पांच राज्य संघों के अलावा रेलवे, सर्विसेस और भारतीय विश्वविद्यालय संघ को चुनावों में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। इस बीच खबरें हैं कि बोर्ड के चुनावों में जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) का प्रतिनिधि करने वाले अबिद सलाम जेकेसीए के सदस्य तक नहीं हैं।
चुनाव अधिकारी ने यह साफ कर दिया था कि पूर्ण सदस्यों की अंतिम सूची में वही लोग शामिल होंगे, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के नौ अगस्त, 2018 के आदेश को पालन किया हो, जिसमें 20 सितंबर के आदेश का भी जिक्र था।
सलाम का मामला तथाकथित रूप से नजरअंदाज किया गया वो भी तब जब जेकेसीए के महासचिव इकबाल शाह ने जेकेसीए की प्रशासकों की समिति (सीओए)द्वारा नियमों का पालन न करने के बारे में लिखा था।
शाह ने बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी को लिखा है कि कैसे सलाम का नामांकन गलत है। शाह द्वारा लिखे गए पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास है।
उन्होंने कहा, "हमें पता चला है कि बीसीसीआई सीओए के नियमों और निर्देशों को परे रखते हुए, जेकेसीए की सीओए ने अबिद सलाम को बीसीसीआई चुनावों में अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है। जेकेसीए को बोर्ड के चुनावों में वोट देने के अगर योग्य बनना है तो जेकेसीए सीओए को तुरंत सदस्यता के ढांचे में बदलाव करना था और जेकेसीए से बाहर किए गए सदस्यों को तुरतं प्रभाव से वोटिंग अधिकार के साथ संघ में शामिल करना था।"
उन्होंने लिखा, "जेकेसीए सीओए ने सुधार के लिए सोसायटी ऑफ रजिस्ट्रार से संपर्क नहीं किया और इसकी बजाए सलाम का नाम नामांकित कर दिया जो संघ के किसी भी ईकाई का सदस्य नहीं है। हमारे लिए यह जरूरी है कि हम आपको बताएं कि जेकेसीए सीओए ने राज्य के जिलों में नकली चुनाव कराए जिसका उनके पास कोई बहुमत नहीं है।"
उन्होंने लिखा, "संघ ने कभी जिला संघ का निर्माण नहीं किया। सलाम को नामांकित करने के लिए फर्जी जिला संघों का गठन किया गया जो जेकेसीए के अभी तक के इतिहास में अस्तित्व नहीं रखती हैं।"
शाह ने नौ अक्टूबर को भी पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे जेकेसीए के पास सलाम को संघ का प्रतिनिधि नियुक्त करने का अधिकार नहीं है।
शाह के मुताबिक, जेकेसीए का बोर्ड में प्रतिनिधित्व अकेला मुद्दा नहीं है। उनका कहना है कि जेकेसीए बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति को भाव नहीं देता।
उन्होंने लिखा, "हमारे संघ की सीओए ने हाल ही में बीसीसीआई सीओए से संपर्क न होने का कारण राज्य में मौजूद स्थिति को बताया था, लेकिन यह सच नहीं है।"
उन्होंने कहा, "जम्मू में कोई परेशानी नहीं है और कश्मीर में भी अब हालात सुधर रहे हैं। यह समिति का प्रयास है ताकि जेकेसीए में मुद्दे के अनसुलझा रखा जाए और वह अपनी मनमानी कर सकें। बीसीसीआई सीओए द्वारा कहने पर भी उन्होंने बोर्ड में पुराने सदस्यों को संघ में शामिल नहीं किया।"
बीसीसीआई सीओए ने जेकेसीए को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि वह पूर्व सदस्यों को जेकेसीए में वोटिंग अधिकार के साथ शामिल करें।