T20 इंटरनेशनल क्रिकेट में बल्लेबाजों पर भारी पड़ रहे हैं गेंदबाज,देखें आंकड़े

Updated: Tue, Nov 12 2019 13:54 IST
Indian Cricket Team (Twitter)

नई दिल्ली, 12 नवंबर | टी-20 फॉरमेट को आमतौर पर बल्लेबाजों का खेल कहा जाता है। इसमें गेंदबाजों को अपनी क्षमता या कलाकारी दिखाने का सीमित अवसर मिलता है, इसके बावजूद साल 2005 में आधिकारिक रूप से शुरू हुए इस फॉर्मेट में गेंदबाज समय-समय पर अपनी कलाकारी से बल्लेबाजों की चमक फीकी करते रहे हैं।

पहला आधिकारिक टी-20 इंटरनेशनल मैच 17 फरवरी, 2005 को ऑकलैंड में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। उस मैच में बल्लेबाजों ने अपनी चमक बिखेरते हुए 40 ओवरों में 384 रन बनाए थे लेकिन उसी मैच में ऑस्ट्रेलिया के माइकल कास्प्रोविच ने चार ओवर में 29 रन देकर चार विकेट लेकर साबित कर दिया था कि क्रिकेट के इस सबसे तेज फॉरमेट में गेंदबाजों की अहमियत हमेशा बरकरार रहेगी।

 

इसी तरह का एक वाक्या रविवार को नागपुर में हुआ, जहां भारत के तेज गेंदबाज दीपक चहर ने हैट्रिक के साथ 7 रन देकर छह विकेट लिए और बल्लेबाजों की चमक फीकी करते हुए न सिर्फ भारत को बांग्लादेश पर बड़ी जीत दिलाई बल्कि विश्व रिकार्ड भी कायम किया।

चहर किसी एक टी-20 मैच में सबसे अच्छी गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ी बने। दीपक के अलावा श्रीलंका के अजंता मेंडिस (8-6 और 16-6) तथा भारत के युजवेंद्र चहल (25-6) ने ही टी-20 में छह विकेट लिए हैं लेकिन चहर की कामयाबी इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने हैट्रिक के साथ यह सफलता हासिल की और सबसे कम रन देकर छह विकेट हासिल किए।

चहर की कामयाबी शानदार है लेकिन इस फॉरमेट के 14 साल के इतिहास में कई ऐसे मौके आए हैं, जब गेंदबाजों ने अपने प्रदर्शन से लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर किया है। मेंडिस और चहल के अलावा अफगानिस्तान के राशिद खान का भी नाम इनमें शामिल है। राशिद ने 2017 में ग्रेटर नोएडा में आयरलैंड के खिलाफ दो ओवर में एक मेडन सहित तीन रन देकर पांच विकेट लिए थे। यह हैरान कर देने वाला प्रदर्शन है।

टी-20 इतिहास में अब तक कुल नौ गेंदबाज ऐसे हुए हैं, जिन्होंने दहाई की संख्या तक पहुंचे बिना विपक्षी टीम के पांच या उससे अधिक खिलाड़ियों को आउट किया है। इनमें चाहर, मेंडिस (दो बार), श्रीलंका के रंगना हेराथ (3-5), राशिद, अर्जेटीना के पी. अरीघी ( 4-5), पाकिस्तान के उमर गुल (दो मौकों पर 6-5), लक्जमबर्ग के ए, नंदा (6-5), श्रीलंका के लसिथ मलिगा (6-5) और नामीबिया के सी. विल्जोन (9-5) शामिल हैं।

टी-20 क्रिकेट में अब तक करीब 41 बार गेंदबाजों ने पांच या उससे अधिक विकेट लिए हैं लेकिन सिर्फ नौ मौके ऐसे आए हैं जब इन गेंदबाजों ने मेडन डाले हैं। यह फॉर्मेट पूरी तरह बल्लेबाजों को सपोर्ट करता है और ऐसे में मेडन डालना विकेट लेने से कम नहीं।

भारत की ओर से यह सौभाग्य अब तक किसी गेंदबाज को नहीं मिला है जबकि मेंडिस, हेराथ, राशिद, आराघी, मलिंगा यह कारनामा कर चुके हैं। 2014 में चटगांव में न्यूजीलैंड के खिलाफ हेराथ ने तो 3.3 ओवर की गेंदबाजी में दो ओवर मेडन डाले थे और तीन रन देकर पांच विकेट विकेट लिए थे।

टी-20 में कुल 10 खिलाड़ियों ने हैट्रिक पूरी की है। मलिंगा यह कारनामा दो बार कर चुके हैं। इनमें आस्ट्रेलिया के ब्रेट ली, न्यूजीलैंड के जैकब ओरम और टिम साउदी, श्रीलंका के थिसिरा परेरा और मलिंगा, पाकिस्तान के मोहम्मद हसनैन और फहीम अशरफ, ओमान के खावर अली, पापुआ न्यू गिनी के एन. वानुआ और चहर शामिल हैं। राशिद और मलिंगा के नाम एक खास रिकार्ड दर्ज है। इन दोनों ने इस फॉरमेट में चार गेंदों पर चार विकेट लिए हैं।

अब बात चहर की करते हैं। किसी खिलाड़ी को पता नहीं होता कि उसका करियर कितना लम्बा है और यही कारण है कि वह अपने प्रदर्शन के दम पर अपना नाम खेलों की दुनिया में अमर कर लेना चाहता है। चहर के लिए रविवार को मौका भी था और दस्तूर भी था। साथ ही किस्मत भी उनके साथ थी। चहर ने 7 रन देकर हैट्रिक सहित 6 विकेट लिए, जो एक विश्व रिकार्ड है। वह टी-20 में हैट्रिक लेने वाले भारत के पहले पुरुष खिलाड़ी बने। भारत के लिए महिला खिलाड़ी एकता बिष्ट ने हैट्रिक लिया है।

चहर की सफलता ने भारतीय टीम को सफलता के नए मुकाम पर पहुंचा दिया। भारत इस साल एकमात्र ऐसी टीम बनी, जिसके खिलाड़ियों ने क्रिकेट के तीनों फारमेट में हैट्रिक ली है। चहर ने टी-20 में तो जसप्रीत बुमराह ने वनडे और मोहम्मद समी ने टेस्ट मैच में हैट्रिक पूरी की। शमी ने इस साल टेस्ट के अलावा वनडे में भी हैट्रिक ली थी और यह हैट्रिक विश्व कप में आई थी। इस साल वैसे कुल छह हैट्रिक बने।
 

(आईएएनएस)

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