बीसीसीआई ने किसी सिफारिश को लागू नहीं किया था: प्रशासनिक समिति

Updated: Tue, Mar 07 2017 00:25 IST

कोलकाता, 6 मार्च | सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में नियुक्त प्रशासनिक समिति (सीओए) ने अपनी पहली रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है, जिसमें कहा गया है कि सिफारिशों को लागू करने के लिए जारी की गई प्रारंभिक समयसीमा में 11 में से 10 सिफारिशों को लागू नहीं किया गया था। सीओए की इस रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान बीसीसीआई ने सिर्फ एक सिफारिश को लागू करने की मंजूरी दी थी और यह सिफारिश थी 'पैरा-क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए हैंडबुक' तैयार करना।

बीसीसीआई ने शनिवार को यह हैंडबुक अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी है। आर. एम. लोढ़ा समिति द्वारा प्रारंभिक समयसीमा में जिन सिफारिशों को लागू करने के लिए कहा गया था, उसमें यह आठवीं सिफारिश थी। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में बीसीसीआई को दो समयसीमाएं दी थीं, लेकिन सीओए की रिपोर्ट के अनुसार राज्य क्रिकेट संघों द्वारा इनका बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया। विराट कोहली का उड़ाया गया मजाक

सीओए की रिपोर्ट के अनुसार, नौ अगस्त, 2016 को दी गई समयसीमा में बीसीसीआई ने 11 सिफारिशों में से किसी का भी पालन नहीं किया। इन सिफारिशों का पालन बीसीसीआई को 30 सितंबर, 2016 तक करना था।

सीओए की इस रिपोर्ट में तीन मुख्य शीर्षक हैं : उठाए जाने वाले कदम, मुख्य कार्यकारी अधिकारी की रिपोर्ट और समिति की टिप्पणियां।►

पहली बार दी गई समयसीमा में बीसीसीआई द्वारा इन 10 सिफारिशों का पालन नहीं किया गया था -:

1. नवीन नियमों एवं निर्देशों को औपचारिक रूप से अपनाना।

2. राज्य खेल इकाइयों द्वारा संविधान में संशोधन। ( कुछ राज्य संघों ने सीधे लोढ़ा समिति को सूचित किया था कि उन्होंने इसका पालन कर लिया है, लेकिन कुल मिलाकर इसे सभी जगह नहीं लागू किया गया।)

3. आईपीएल के कई नियमों में संशोधन, जिसमें खिलाड़ियों के लिए आचार संहिता, प्रतिभागियों के लिए भ्रष्टाचार रोधी नियम, नस्लीय भेदभाव-रोधी नियम एवं संचालन के नियम शामिल हैं।

4. गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कई क्रिकेट टीमों वाले राज्यों के लिए एक क्रम और चक्रीय प्रणाली का निर्धारण, संबद्ध सदस्यों को अनुदान के आवंटन, आईपीएल और राष्ट्रीय कार्यक्रम के बीच 15 दिनों का अंतर।

5. एजेंट के पंजीकरण के नियम।

6. बीसीसीआई से वित्तीय मदद प्राप्त खिलाड़ियों का संघ गठित करना।

7. पुदुचेरी को संबद्ध सदस्य बनाना।

8. वेबसाइट का निर्माण, जिसमें पैरा-खिलाड़ियों के लिए लिंक, रिपोर्ट हिंदी में लगाना, स्टेडियमों के लिंक लगाना, सुविधाएं एवं टिकट तथा सदस्यों की पारदर्शिता।

9. मंडलों का पुनर्गठन।

10. बीसीसीआई के लिए निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति।

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