भ्रष्टाचार के आरोप में घिरी DDCA को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़
नई दिल्ली, 12 अप्रैल (CRICKETNMORE)| भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को लेकर चल रहे विवाद ने बुधवार को नया मोड़ ले लिया है। संघ के पूर्व संयुक्त सचिव दिनेश शर्मा ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा डीडीसीए का कामकाज देखने के लिए नियुक्त सेवानिवृत्त न्यायाधीश विक्रमजीत सेन पर ही अदालत की अवमानना करने का आरोप लगाया है। दिनेश शर्मा और उनके सहयोगी पूर्व खेल समन्वयक विनोद तियारे ने सेन पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग भी की है।
दिनेश का कहना है, "(सेवानिवृत्त) न्यायाधीश सेन खुद उच्च न्यायालय और सर्वोच्च अदालत के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं और साथ ही लोढ़ा समिति की सिफारिशों का भी पालन नहीं कर रहे।"
दिनेश ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सेन की बेटी मृणाली सेन दिल्ली सरकार की समिति में वकील हैं। साथ ही वह डीडीसीए में दिशा निर्देश भी देती हैं और डीडीसीए की तरफ से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की बैठकों में हिस्सा भी लेती हैं। यह हितों के टकराव का मामला है और इसलिए मैं (सेवानिवृत्त) न्यायाधीश सेन से निवेदन करता हूं कि वह अपने पद से इस्तीफा दे दें।"
उन्होंने कहा, "(सेवानिवृत्त) न्यायाधीश सेन की बेटी किस हक से बीसीसीआई की बैठकों में हिस्सा ले रहीं हैं और अधिकारियों को आदेश दे रहीं हैं। इस बात को सेन को स्पष्ट करना चाहिए।"
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दिनेश और उनके सहयोगी विनोद तियारा ने (सेवानिवृत्त) न्यायाधीश सेन पर सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के उल्लंघन का आरोप लगाया है जिसमें 70 साल से अधिक उम्र वाले शख्स और राज्य संघों में नौ वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके अधिकारी या किसी सरकारी अधिकारी को संघ की सदस्यता नहीं दी जा सकती।
उन्होंने कहा, "विवेक गुप्ता (डीडीसीए के पूर्व निदेशक) ने डीडीसीए में 14 साल तक काम किया लेकिन (सेवानिवृत्त) न्यायाधीश सेन ने उन्हें समिति में अंतरिम निदेशक और डीडीसीए के मामलों का मुखिया बनाया है।"
दिनेश ने कहा, "पी.के. सोनी ने भी डीडीसीए में अपने नौ साल पूरे कर लिए हैं, साथ ही वह भारतीय जीवन बीमा कंपनी (एलआईसी) में भी प्रबंधन में शामिल हैं। वह लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक पद के योग्य नहीं हैं, लेकिन उनके पास डीडीसीए में मीडिया समन्वय का काम है।"
दिनेश ने साथ ही (सेवानिवृत्त) न्यायाधीश सेन पर दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 जनवरी 2017 को दिए गए आदेश के उल्लंघन का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा, "सिद्धार्थ वर्मा जो डीडीसीए के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, उन्हें भी चयन समिति का समन्वयक बनाया गया है। यह सर्वोच्च अदालत और लोढ़ा समिति की सिफारिशों का साफ-साफ उल्लंघन है।"
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दिनेश ने इस संबंध में सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित की गई प्रशासकों की समिति को पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने इन सभी बातों का जिक्र किया है।