कानितकर, रात्रा ने क्रिकेट को अलविदा कहा
नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय क्रिकेट टीम को 90 के दशक में कुछ शानदार जीत दिलाने वाले हरफनमौला खिलाड़ी ऋषिकेश कानितकर और विकेटकीपर अजय रात्रा ने गुरुवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से विदा ले ली।
दोनों ही खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। कानितकर ने राष्ट्रीय टीम के लिए दो टेस्ट और 34 अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच खेल चुके हैं । 18 जनवरी, 1998 को ढाका में पाकिस्तान के खिलाफ एक गेंद शेष रहते चौका लगाकर भारत को उस समय सबसे बड़े लक्ष्य के खिलाफ जीत दिलाने के साथ ही कानितकर भारतीय खेल प्रेमियों के हीरो बन गए थे।
भारत ने उस मैच में पाकिस्तान से मिले 314 रनों के लक्ष्य के जवाब में 47.5 ओवरों में सात विकेट पर 315 रन बनाकर जीत हासिल की थी और चौका लगाकर कानितकर ने भारत के लिए विजयी रन जुटाए थे।
कानितकर ने रणजी ट्रॉफी में 8,000 रन बनाए, जिसमें 28 शतक शामिल हैं। रात्रा ने राष्ट्रीय टीम की ओर से छह टेस्ट और 12 अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच खेले तथा घरेलू क्रिकेट में निरंतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी रहे। रात्रा 2000 में यू-19 वर्ल्ड कप में विजेता रही भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे।
बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कहा, "बीसीसीआई की ओर से मैं ऋषिकेश और अजय को उनके यादगार करियर के लिए बधाई देता हूं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।"