अरुण लाल ने इस शख्स को दिया बंगाल को 30 साल बाद रणजी फाइनल में पहुंचाने का श्रेय

Updated: Thu, Mar 26 2020 23:31 IST
IANS

नई दिल्ली, 26 मार्च | बंगाल का रणजी ट्रॉफी सीजन 2019-20 में प्रदर्शन बेहद शानदार रहा और इसका अधिकतर श्रेय पूर्व खिलाड़ी और टीम के मुख्च कोच अरुण लाल को जाता है, लेकिन कोच का मानना है कि अगर ट्रेनर संजीब दास नहीं होते तो वह आधा काम भी नहीं कर पाते।

बंगाल की टीम ने 30 साल बाद रणजी ट्रॉफी फाइनल खेला था।

अनुभवी खिलाड़ी ने कहा कि बंगाल टीम नई ऊंचाइयों को छूने को तैयार है और इसका काफी हद तक कारण फिटनेस है।

अरुण ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि संजीब और फिजियो उस्मान ने शानदार काम किया है और यह सुनिश्चित किया है कि काम का बोझ खिलाड़ियों पर ज्यादा नहीं पड़े।

उन्होंने कहा, "जब मैं खेलता था तब मैं हमेशा रनिंग, वर्कआउट और नेट्स में ट्रेनिंक की अपेक्षा कोर बिल्डिंग में विश्वास करता था। संजीब विशेष हैं। उनके पास जुनून है, वह सिर्फ काम नहीं कर रहे हैं। उनके काम करने का तरीका अतुलनीय है। वह हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। हमारे कैम्प में जब भी ऑफ डे होता था तो भी वह मौजूद रहते थे। अगर कोई खिलाड़ी उन्हें फोन करता तो वह हमेशा तैयार रहते थे। वह इस बेहतरीन सफर का विशेष हिस्सा थे।"

अरुण ने कहा, "उनके साथ काम करना हमारी टीम के लिए अच्छा रहा। मैं उनसे कहता था कि मुझे क्या चाहिए और वो वैसा ही करते थे। सिर्फ एक ट्रेनर के तौर पर नहीं बल्कि वह अपने काम को बड़े जुनून के साथ लेते हैं। उनका प्रदर्शन शानदार था। मैं भाग्यशाली था कि वो मेरी टीम में थे। सिर्फ वो ही नहीं फिजियो उस्मान भी। उनके पास अच्छा खासा अनुभव है और वह जानते हैं कि स्थिति के हिसाब से कैसे काम करना है। इससे मदद मिली।"

अरुण ने कहा कि उन्होंने टीम को एकजुट रखने के लिए सिर्फ अपने अनुभव का इस्तेमाल किया। और अपने खेल को बेहतर करने के लिए टीम को प्रेरित किया।

उन्होंने कहा, "हर कोई बात करता है कि अरुण ने काम किया है लेकिन मेरे पास टीम थी जिसने मेरी मदद की क्योंकि वो सब बहुत अच्छे हैं। मुझे भूल जाइए, जिस तरह का सेटअप था और जिस तरह से खिलाड़ी खेले वो शानदार था। हमारी फील्डिंग और बल्लेबाज कोच जॉयदीप मुखर्जी को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने सब कुछ किया और वह पहले से ही खिलाड़ियों को जानते थे।"

फिटनेस पर आगे बात करते हुए अरुण ने कहा, "फिटनेस की बात आती है तो इसमें काफी बदलाव आया है। हमारे पास तीन तेज गेंदबाज हैं जो लगातार खेल रहे हैं और किसी पर भी काम का बोझ नहीं है। आप जानते हैं, मैंने पिछले साल ईशान पोरेल को बूढ़ी औरत कहा था ताकि उन्हें गुस्सा आए और वह मेहनत करे। आज उसकी फिटनेस देखिए।"
 

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