1,000 रुपये मैच फीस से लेकर वर्ल्ड चैंपियन बनने तक,भारतीय महिला क्रिकेट टीम का सफ़र
India’s Women Cricketers Match Fees: भारतीय महिला क्रिकेट टीम को आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 का खिताब अपने नाम करने के लिए आईसीसी द्वारा करीब 40 करोड़ की इनाम मिला और उसके बाद बीसीसीआई ने 51 करोड़ रुपये की ईनामी राशि का ऐलान किया। यह राशि खिलाड़ियों,सपोर्ट स्टाफ के सदस्यों और सिलेक्टर्स में बांटी जाएगी।
लेकिन भारत में महिला क्रिकेट की वित्तीय स्थित एक समय बहुत चौंकाने वाली थी। भारतीय महिला क्रिकेटर्स का शुरूआती समय काफी संघर्ष वाला था। एक समय था जब इस खेल को ज़िंदा रखने की वजह पैसे नहीं, जुनून हुआ करता था।
2005 वनडे वर्ल्ड कप, जब पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम पहली बार टूर्नामेंट फाइनल में पहुंची थी। उस समय खिलाड़ियों को एक मैच खेलने के लिए सिर्फ 1000 रुपये फीस मिलती थी। इसका खुलासा भारत की पूर्व कप्तान और इंटरनेशनल क्रिकेट की सबसे सफल महिला बल्लेबाज मिताली राज ने किया थ।
इस साल जुलाई में लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में मिताली ने खुलासा किया था कि, “ उस वक्त हमारे पास सालाना कॉन्ट्रैक्ट नहीं हुआ करते थे, हमारे लिए मैच फीस जैसी कोई चीज़ भी नहीं थी। मुझे याद है, जब हम 2005 के वर्ल्ड कप में रनरअप बने थे, तब हमें प्रहर मैच के 1,000 रुपये मिले थे। हमने आठ मैच खेले थे, तो कुल 8,000 रुपये ही मिले थे।”
बता दें कि 2017 में मिताली की कप्तानी में भारतीय महिला टीम वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी।
मिताली ने बताया कि 2006 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के संभालने से बहुत पहले, महिलाओं का क्रिकेट सीमित संसाधनों के सहारे ही चलता था। 2006 से पहले भारत में महिला क्रिकेट का संचालन वुमेंस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WCAI) द्वारा किया जाता था। खिलाड़ी अक्सर ट्रेन के सामान्य डिब्बों में सफर करते थे।
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लेकिन अब भारत में महिला क्रिकेट काफी बदल चुका है। बीससीआई ने महिलाओँ की टी-20 फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट वुमेंस प्रीमियर लीग की शुरूआत करी और 2022 में एतेहासिल ऐलान किया। जिसके बाद से महिला और पुरुष क्रिकेटर दोनों को समान फीस मिलती है। एक टेस्ट के 15 लाख, वनडे मैच के लिए 6 लाख और टी-20 इंटरनेशनल के लिए 3 लाख रुपये।