सौरव गांगुली का खुलासा, कैसे सचिन तेंदुलकर उन्हें पहली गेंद का सामना करने के लिए भेजते थे
नई दिल्ली, 6 जुलाई| पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने खुलासा किया है कि कैसे दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर उन्हें हमेशा पहली गेंद का सामना करने के लिए भेजते थे और खुद नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़े होते थे। सचिन और गांगुली की सलामी जोड़ी ने 1996 से 2007 तक 50 ओवरों के मैच में 136 पारियों में 6609 रन बनाए। इसमें 21 शतक और 23 अर्धशतकीय साझेदारी रही है।
मयंक अग्रवाल के साथ बातचीत में गांगुली से जब पूछा गया कि जब आप वनडे में पारी की शुरुआत करते थे तो क्या सचिन पाजी आपको हमेशा पहली गेंद खेलने के लिए कहते थे?
गांगुली ने इसका जवाब देते हुए कहा, "हमेशा। उन्होंने हमेशा ऐसा किया। उनके (सचिन) पास इसका जवाब भी होता था। मैं उन्हें कहता था कि कभी-कभार आप भी पहली गेंद का सामना करो। हमेशा मुझे ही पहली गेंद खेलने को कहते हो। उनके पास इसके दो जवाब होते थे।"
उन्होंने कहा, "पहला, 'मुझे लगता है कि मैं अच्छे फॉर्म में हूं और मुझे नॉन-स्ट्राइकर पर ही रहना चाहिए।' वहीं अगर फॉर्म अच्छा न हो तो उनका दूसरा जवाब होता था, 'मुझे नॉन-स्ट्राइकर पर ही रहना चाहिए, इससे मुझ पर दबाव कम होता है।' अच्छे या बुरे फॉर्म के लिए उनके पास एक ही जवाब होता था।"
गांगुली ने साथ ही कहा कि एक बार उन्होंने सचिन को पहली गेंद खेलने के लिए मजबूर किया था।
पूर्व कप्तान ने कहा, "जब तक तुम उनसे आगे निकलकर नॉन-स्ट्राइकर पर खड़े नहीं हो जाओ, अब सचिन टीवी पर हैं और अब उन्हें पहली गेंद खेलनी पड़ेगी। ऐसा एक या दो बार हुआ है, मैं उनसे आगे निकलकर नॉन-स्ट्राइकर छोर पर खड़ा हो गया।"