'नॉन-स्ट्राइकर को आउट करने पर हमें हंगामा नहीं करना चाहिए', हार्दिक की बातों से कितना सहमत हैं आप ?
नॉन-स्ट्राइकर को रन-आउट करने का नियम लंबे समय से खेल का हिस्सा रहा है। हालांकि, जब भारत की दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड की चार्लोट डीन को मांकडिंग के जरिए रन आउट किया तो क्रिकेट जगत ने इसे 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' के खिलाफ बताया। इस घटना के बाद अलग-अलग खिलाड़ियों की तरफ से अलग-अलग बयान आए थे लेकिन अब भारत के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या ने रन आउट कानून पर बात की और इस पर कड़ा बयान दिया है।
'आईसीसी रिव्यू' के नए एपिसोड पर बोलते हुए, हार्दिक ने कहा कि इस कानून पर बहस बंद होनी चाहिए और अगर कोई उन्हें कभी भी इसी तरह से आउट करता है तो वो इसे "गलती" के रूप में स्वीकार करेंगे। हार्दिक ने कहा, "हमें नॉन-स्ट्राइकर को आउट करने पर हंगामा करना बंद करने की जरूरत है। ये एक नियम है और ये बहुत सरल है। खेल की भावना के साथ अगर ये है, तो ये है। व्यक्तिगत रूप से, मुझे इससे कोई समस्या नहीं है। अगर मैं अपनी क्रीज से बाहर हूं और कोई मुझे रन आउट करता है, तो ये ठीक है। ये मेरी गलती है।"
इसके अलावा हार्दिक ने मैच अप के बारे में भी बात की और कहा, "मैचअप मेरे लिए काम नहीं करता है, देखें कि मैं कहां बल्लेबाजी करता हूं और जिस स्थिति में मैं आता हूं, मुझे मैचअप का विकल्प नहीं मिलता है। आप देखते हैं कि मैचअप उन लोगों के लिए अधिक हैं जो टॉप 3 या 4 में बल्लेबाजी कर रहे हैं। मेरे लिए, ये बस यही स्थिति है। कई बार मैं एक गेंदबाज को मारना चाहता हूं, लेकिन अगर स्थिति इसकी मांग नहीं करती है, तो मैं वो जोखिम नहीं लेता क्योंकि ये मेरी टीम को नुकसान पहुंचाएगा।"
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आगे बोलते हुए हार्दिक ने कहा, "मैं इसके साथ कभी भी ठीक महसूस नहीं करता हूं। मैचअप ओवर-रेटेड है। मुझे ये कहने में कोई फर्क नहीं पड़ता, टी 20 क्रिकेट में, ये ओवर-रेटेड है। वनडे और टेस्ट में, ये काम कर सकता है लेकिन टी 20 में, मुझे विश्वास नहीं होता है हां, मैंने विश्व कप नहीं जीता है, लेकिन मैंने अन्य टूर्नामेंट जीते हैं और मुझे नहीं लगता कि मुझे कभी भी मैचअप के बारे में चिंता हुई है।"