'बिना पैसे के कौन क्रिकेट खेलेगा, अगर पैसे नहीं होते तो मैं पेट्रोल पंप पर काम कर रहा होता'

Updated: Mon, Oct 18 2021 10:46 IST
Hardik Pandya talks about money and passion (Image Source: Google)

भारत के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने पिछले कुछ सालों में सफलता के नए मुकाम हासिल किए हैं। इसका सबसे बड़ा श्रेय आईपीएल को जाता है क्योंकि अगर ये फटाफट क्रिकेट नहीं होता तो शायद हार्दिक की प्रतिभा कही छुप जाती या फिर उन्हें इस मुकाम को हासिल करने में थोड़ा समय लगता।

ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ एक खास बातचीत करते हुए हार्दिक पांड्या ने जिंदगी में काम करने के साथ-साथ पैसे की वैल्यू के बारे में बताया और ये बताया कि पैसा कमाना और अच्छे पैसे कमाना कितना जरूरी है। साथ में उन्होंने ये भी बताया कि क्या सच में पैसे ज्यादा होने से खिलाड़ियों को ध्यान भंग होता है?

आईपीएल में पांड्या को पहले मुंबई ने 10 लाख रुपये में खरीद था। लेकिन साल 2018 में हार्दिक को मुंबई ने 11 करोड़ तो वही उनके बड़े भाई क्रुणाल पांड्या को 9 करोड़ में रिटेन किया था। इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि  इतने पैसे मिलने के बाद भी वो काफी शांत और संतुष्ट थे। वो एक साथ इतने पैसे को पाकर अति उत्साहित नहीं हुए। उन्होंने कहा कि हम पहले जैसे ही है लेकिन पैसा आने से जीवन में स्थिरता आ जाती है।

इस इंटरव्यू के दौरान पांड्या से कई सवाल पूछे गए। इनमें में से एक सवाल बहुत अहम था और वो था कि जो पैसे आईपीएल में खिलाड़ियों को मिलते हैं उससे क्या खिलाड़ियों का ध्यान भंग होता है? इसके अलावा क्या खिलाड़ी ये सोचना शुरु कर देते हैं कि उन्हें नीलामी में अब इतना पैसा ही मिलना चाहिए?

इस सवाल का जवाब देते हुए पांड्या ने कहा कि कभी भी जिंदगी में पैसा आए तो खुद को जमीन पर ही रखना चाहिए।

आगे उन्होंने कहा,"पैसा होना बहुत जरूरी होता है और इससे जिंदगी में बदलाव आते हैं। मैं इसका बड़ा उदाहरण हूं। वर्ना मैं पेट्रोल पंप पर काम कर रहा होता। मैं मजाक नहीं कर रहा हूं। मेरे लिए मेरा परिवार मेरी प्राथमिकता है और मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरे परिवार को एक अच्छा जीवन मिलें। साल 2019 में मैंने किसी को बात करते हुए सुना था कि "पैसा सभी युवाओं के लिए नहीं होना चाहिए"। मैं इस बात से बिल्कुल असमहत हूं।"

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पांड्या ने आगे कहा,"जब गांव या छोटे शहर का कोई लड़का बड़ा कॉन्ट्रैक्ट पाता है तो वह उसे खुद के लिए नहीं रखता बल्कि अपने माता-पिता के बारे में सोचता है। वो अपने रिश्तेदारों की तरफ देखता है। पैसे से बदलाव आता है और उससे मोटिवेशन मिलती है। यह एक गलत धारणा है कि पैसे के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। मैं इस चीज पर विश्वास नहीं करता क्योंकि अगर आप किसी खेल के प्रति खुद को झोंक रहे हैं तो पैसे भी मायने रखने चाहिए। मुझे नहीं पता कि अगर पैसा ना हो तो कितने लोग क्रिकेट खेलेंगे।"

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