IND vs WI: वेस्टइंडीज को रौंदकर सीरीज पर कब्जा करने उतरेगी टीम इंडिया,प्लेइंग XI में होगा एक बदलाव
तिरुवनंतपुरम, 31 अक्टूबर (CRICKETNMORE)| भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही वनडे सीरीज अब एक रोचक मुकाम पर पहुंच गई है। चार मैचों के बाद हालांकि भारत 2-1 से आगे है, लेकिन गुरुवार को होने वाला आखिरी मैच अगर वेस्टइंडीज के नाम रहता है तो सीरीज का नतीजा ड्रॉ रहेगा, जबकि टीम इंडिया हर हाल में सीरीज पर कब्जा करना चाहेगी। । इस लिहाज से वेस्टइंडीज पूरी कोशिश में होगी कि ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाने वाला यह मैच उसके नाम रहे और वह हारने वाली टीम न कहलाए।
भारत ने पहला मैच अपने नाम किया था तो वहीं वेस्टइंडीज ने दूसरा मैच टाई करा दिया और फिर तीसरे मैच में जीत हासिल करते हुए सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली थी। चौथे मैच में हालांकि भारत ने एकतरफा जीत हासिल करते हुए बढ़त ले ली थी।
पांचवें मैच में मेजबान टीम सुस्ताते हुए नहीं जाना चाहेगी क्योंकि विंडीज ने दूसरे और तीसरे मैच में जिस तरह की क्रिकेट खेली है उससे भारत के लिए चिंताएं बढ़ गई हैं। घर में भारत ने बीते कम से कम दो वर्षो में इस तरह की रोचक सीरीज शायद ही खेली हो।
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विंडीज ने खेल के इस प्रारुप में भारत को पटखनी देने का पूरा माद्दा है और इस बात को उसने साबित किया है इसलिए वह पांचवें मैच में आत्मविश्वास के साथ ही उतरेगी। वेस्टइंडीज अगर भारत को इस मैच में हरा देती है तो वह अक्टूबर-2016 से भारत को घर में वनडे सीरीज में दो हार सौंपने वाली पहली टीम बन जाएगी।
भारत को हराना आसान नहीं होगा क्योंकि अभी तक सभी मैचों में उसकी बल्लेबाजी शानदार रही है। गेंदबाजी में शुरुआती तीन मैचों में उसे निराशा मिली थी, लेकिन चौथे मैच में गेंदबाजों ने दमदार खेल दिखाया था।
रोहित ने पिछले मैच में बेहतरीन शतकीय पारी खेली थी तो वहीं अंबाती रायडू ने चौथे नंबर पर टीम को संभाला था और अपने वनडे करियर का तीसरा शतक भी जमाया था। इन दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए हुई दोहरी शतकीय साझेदारी के दम पर ही टीम ने विशाल स्कोर खड़ा किया था जिसके सामने विंडीज ताश के पत्तों की तरह ढह गई थी।
कोहली पहले तीन मैचों में शतक ठोक चुके हैं। इस समय उनका बल्ला शानदार चल रहा है और इसलिए विंडीज के लिए वह सबसे बड़ा खतरा हैं। शिखर धवन का बल्ला हालांकि ज्यादा कुछ कर नहीं सका है।
भारत की बीते एक साल में सबसे बड़ी चिंता मध्यक्रम और निचले क्रम की विफलता ही रही है। पिछले मैच में शतक लगाने वाले रायडू बीते एक साल में भारत के लिए शीर्ष-3 पर खेलने वाले बल्लेबाजों के अलावा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज थे। ऐसे में अगर एक बार फिर शीर्ष-3 विफल रहते हैं तो अन्य बल्लेबाजों के ऊपर भार होगा।
महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला शांत है। वहीं केदार जाधव लगातार चोटों से जूझ रहे हैं। वह हालांकि पिछले मैच में खेले थे, लेकिन किस हद तक वह टीम को संभाल पाते हैं यह देखना होगा।
गेंदबाजी में खलील अहमद ने पिछले मैच में तीन विकेट लेकर काफी प्रभावित किया था। उनके साथ भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जड़ेजा तथा कुलदीप यादव ने अच्छा साथ दिया। टीम में दोनों विभागों में अच्छा किया था इस लिहाज से प्लेइंग इलेवन में बदलाव हो ऐसी संभावनाएं कम ही हैं। अगर कोई बदलाव होता है तो रविंद्र जडेजा की जगह युजवेंद्र चहल को मौका मिल सकता है।
वहीं वेस्टइंडीज की बात की जाए तो बल्लेबाजी में उसकी उम्मीदें शाई होप और शिमरोन हेटमायेर से हैं। इन दोनों बल्लेबाजों के दम पर ही मेहमान टीम दूसरा मैच टाई और तीसरा मैच जीतने में सफल रही थी। एक बार फिर कप्तान जेसन होल्डर इन दोनों पर निर्भर होंगे।
टीम प्रबंधन को उम्मीद होगी की टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज मार्लन सैमुएल्स का बल्ला भी बोले।
गेंदबाजी में टीम केमरन रोच और कीमो पॉल के दम पर है, लेकिन एशले नर्स भारत के लिए सिर दर्द साबित हो सकते हैं। वहीं कप्तान होल्डर के जिम्मे भी बड़ी जिम्मेदारी है।
टीमें (संभावित प्लेइंग इलेवन)
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप-कप्तान), शिखर धवन, अंबाती रायडू, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), कुलदीप यादव, रविंद्र जडेजा/युजवेंद्र चहल, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, खलील अहमद।
वेस्टइंडीज: जेसन होल्डर (कप्तान), फाबियान एलेन, चंद्रपाल हेमराज, शिमरोन हेटमायेर, शाई होप (विकेटकीपर), एश्ले नर्स, कीमो पॉल, रोवमैन पोवेल, केमार रोच, मार्लन सैमुएल्स, ओबेड मैकॉय