जम्मू-कश्मीर की टीम ने रचा रणजी ट्रॉफी में इतिहास, दिल्ली को 60 साल में पहली बार हराया
जम्मू-कश्मीर ने मंगलवार (11 नवंबर) को रणजी ट्रॉफी में इतिहास रचते हुए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। टीम ने दिल्ली को उसके घरेलू मैदान पर सात विकेट से हराते हुए 60 साल बाद पहली बार जीत दर्ज की। इस जीत के साथ जम्मू-कश्मीर एलीट ग्रुप डी में मुंबई के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया और अपने शानदार सीज़न में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।
चौथी पारी में 179 रनों का लक्ष्य मिलने पर जम्मू-कश्मीर की जीत की नींव रखी सलामी बल्लेबाज़ क़मरन इक़बाल ने। उन्होंने करियर की सर्वश्रेष्ठ नाबाद 133 रनों की शानदार पारी खेली और टीम को आराम से जीत दिलाई। इक़बाल की ये पारी संयम, आत्मविश्वास और सटीकता से भरी रही। दिल्ली के गेंदबाज़ों के सामने वो पूरी तरह हावी नज़र आए और शुरू से अंत तक क्रीज़ पर डटे रहे।
गेंदबाज़ी में भी जम्मू-कश्मीर ने शुरुआत से ही मैच पर पकड़ बनाए रखी। पहली पारी में औकिब नबी ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 35 रन देकर 5 विकेट चटकाए और दिल्ली को 211 रनों पर रोक दिया। इसके बाद, जब दिल्ली ने दूसरी पारी में वापसी की कोशिश की, तो वंशज शर्मा ने अपनी फिरकी से कहर बरपाया और 68 रन देकर 6 विकेट हासिल किए। दोनों गेंदबाज़ों के शानदार प्रदर्शन ने सुनिश्चित किया कि दिल्ली कभी भी मैच में वापसी न कर सके।
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दिल्ली की ओर से आयुष बदोनी ने दोनों पारियों में बेहतरीन बल्लेबाज़ी की। उन्होंने 64 और 72 रन बनाए जबकि हर्षित दोसेजा ने 65 रनों की पारी खेलकर टीम को कुछ राहत दी। हालांकि, बाकी बल्लेबाज़ जम्मू-कश्मीर के अनुशासित गेंदबाज़ों का सामना नहीं कर सके और जल्दी-जल्दी पवेलियन लौटते गए। इससे पहले, जम्मू-कश्मीर ने पहली पारी में शानदार बल्लेबाज़ी की थी। कप्तान पारस डोगरा ने 106 रन, जबकि अब्दुल समद ने 85 रन बनाए। दोनों के बीच अहम साझेदारी ने टीम को 310 रनों के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। ये स्कोर उस मुश्किल पिच पर बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ, जहां रन बनाना आसान नहीं था।