विराट के नक्शेकदम पर चलने को तैयार है जनकपुरी का यश ढुल, कुछ ऐसी है इस लड़के की कहानी

Updated: Sat, Dec 11 2021 16:26 IST
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दिल्ली में जन्में यश ढुल, जिन्हें कभी क्रिकेट में हाथ आजमाने का मौका नहीं मिला था, वह अब संयुक्त अरब अमीरात में एसीसी एशिया कप में भारत की अंडर-19 टीम की अगुवाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

यह 2008 की बात है, जब पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी में रहने वाले छह वर्षीय यश अपने पड़ोस में बच्चों को क्रिकेट खेलते हुए देखकर उन्हें भी क्रिकेट खेलने का मन करता था। उस दौरान यश बड़े लड़कों को अपने साथ क्रिकेट खेलने के लिए मनाने की कोशिश करते थे, लेकिन वे मना कर देते थे।

तभी यश की मां बालकनी से यश के साथ हुए नजारे को देख रही थी। उसने अपने बच्चे में खेल के प्रति रूचि देखी जो गेंद को बल्ले के रूप में पैर से 'हिट' कर रहा था।

अगले ही दिन वह यश को कोच प्रदीप कोचर के पास ले गई। तब से यश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसने कड़ी मेहनत के साथ, घरेलू क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी और जिस लड़के को पड़ोस में कई बार फटकार लगाई गई थी, वह अब अंडर-19 भारतीय टीम के कप्तान हैं।

शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 23 दिसंबर से यूएई में खेले जाने वाले एसीसी अंडर-19 एशिया कप के लिए 20 सदस्यीय टीम की घोषणा की और उसमें यश को टीम का कप्तान बनाया गया।

आयोजन से पहले 11 से 19 दिसंबर तक बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में एक शिविर आयोजित होगा और इसके लिए 25 सदस्यीय टीम भी बनाई है, जिसमें पांच अतिरिक्त खिलाड़ियों को शामिल किया गया है।

19 वर्षीय यश इस साल की शुरुआत में वीनू मांकड़ ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। टूर्नामेंट में खेले गए पांच मैचों में टीम में डीडीसीए के लिए 75.50 की औसत से 302 रन बनाए थे।

आईएएनएस से बात करते हुए यश ने कप्तान के रूप में नियुक्त होने के बाद प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'मैं खुश हूं और मेरा परिवार भी इस खबर से उतना ही खुश है।' इस सफलता का श्रेय अपनी मां को देते हुए क्रिकेटर ने कहा कि उन्होंने अब तक जो कुछ भी हासिल किया है वह उन्हीं की बदौलत है।

यश ने आईएएनएस को बताया, 'मेरी मां मुझे एयरलाइनर क्रिकेट अकादमी ले जाती थीं। उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मेरे परिवार ने मेरा समर्थन किया। इसलिए इस सफलता का श्रेय उन्हें जाता है। साथ ही, मेरे कोच प्रदीप कोचर सर और राजेश नागर सर मुझे क्रिकेट का ज्ञान प्रदान करने और मुझे अच्छी तरह से मार्गदर्शन देने के लिए बाल भवन इंटरनेशनल के स्कूल के अकादमी मैदान में ले जाते थे। उन्होंने मुझे बेहतर खिलाड़ी बनने में हर संभव मदद की है।'

अपनी अब तक की यात्रा के बारे में बात करते हुए यश ने कहा, 'ठीक है, मैं छह साल का था जब मैंने प्रदीप सर के अधीन खेल में अपना प्रशिक्षण शुरू किया था। मैं अपने पड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना चाहता था लेकिन वे मुझसे बड़े थे और अपना बल्ला साझा नहीं करते थे और मैंने अपने पैरों को ही बल्ला समझकर क्रिकेट खेलना शुरू किया।'

यह पूछे जाने पर कि वह अपने पसंदीदा क्रिकेटर के रूप में किसे देखते हैं, तो यश ने कहा, 'मैं सभी क्रिकेटरों से सीख लेता हूं और खेल के प्रति उनके सकारात्मक पहलू को देखता हूं। इसलिए वे सभी मेरे पसंदीदा खिलाड़ी हैं।'

उन्होंने कहा, 'मैं आज बेंगलुरु में एनसीए शिविर के लिए निकलूंगा और उसके बाद हम एशिया कप के लिए दुबई जाएंगे, मैं एशिया कप में खेलने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।'

भारत अंडर-19 एशिया कप टीम: हरनूर सिंह पन्नू, अंगक्रिश रघुवंशी, अंश गोसाई, एसके राशिद, यश ढुल (कप्तान), अनेश्वर गौतम, सिद्धार्थ यादव, कौशल तांबे, निशांत सिंधु, दिनेश बाना (विकेटकीपर), आराध्या यादव (विकेटकीपर), राजंगद बावा, राजवर्धन हैंगरगेकर, गर्व सांगवान, रवि कुमार, रिशिथ रेड्डी, मानव पारख, अमृत राज उपाध्याय, विक्की ओस्तवाल और वासु वत्स।

अतिरिक्त खिलाड़ी: आयुष सिंह ठाकुर, उदय सहारन, शाश्वत डंगवाल, धनुष गौड़ा और पीएम सिंह राठौर।

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