5 खिलाड़ी जिन्होंने अपने ही देश के बोर्ड की धज्जियां उड़ा दी, लिस्ट में 2 भारतीय क्रिकेटर

Updated: Tue, Aug 09 2022 13:06 IST
kevin pietersen (Image Source: Google)

इंटरनेशल क्रिकेटर बनना बिल्कुल भी आसान काम नहीं है। हाई लेवल पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना बेहद ही मुश्किल है। ऐसे में जिस भी खिलाड़ी को ऐसा करने का मौका मिलता है वो बेहद लकी होता है। बावजूद इसके कई बार ऐसे हालात पैदा हुए जब इंटरनेशनल क्रिकेटर्स ने अपने ही देश के मान को ताक पर रखकर अपने देश के क्रिकेट बोर्ड की धज्जियां उड़ा दीं। एक नजर ऐसे 5 क्रिकेटर्स पर-

केविन पीटरसन: इंग्लैंड क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज रहे केविन पीटरसन ने 2012 में वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी। क्योंकि, ईसीबी उन्हें आईपीएल में जाकर खेलने की अनुमति नहीं दे रहा था। जिसके बाद इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें टीम से बाहर निकाल दिया था। केविन पीटरसन ने उस वक्त खुलकर बोर्ड की आलोचना की थी।

अंबाती रायडू: 2019 विश्वकप में ना चुने जान के बाद अंबाती रायडू भारतीय क्रिकेट बोर्ड से सीधे तौर पर भिड़ गए थे। चयनकर्ताओं ने अंबाती रायडू की जगह 3D खिलाड़ी विजय शंकर को टीम में जगह दी थी जिसके बाद रायडू ने चयनकर्ताओं पर निशाना साधते हुए कहा था, 'विश्व कप देखने के लिए अभी-अभी 3D चश्मा ऑर्डर किया है।' इसके बाद कभी भी रायडू को टीम इंडिया में खेलने का मौका नहीं मिला।


 
मोहम्मद आमिर: 2010 स्पॉट फिक्सिंग में बैन होने के बाद आमिर ने 2017 में वापसी की और पाकिस्तान के लिए शानदार क्रिकेट खेला। लेकिन, अचानक  2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट से उन्होंने संन्यास ले लिया। मोहम्मद आमिर ने हेड कोच मिस्बाह उल हक और बॉलिंग कोच वकार यूनिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

रिद्धिमान साहा: टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा ने भी इशारों-इशारों में बीसीसीआई के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया था। साहा ने कहा था कि राहुल द्रविड़ ने उनसे उन्हें रिटायरमेंट के बारे में विचार करने के लिए कहा जबकि प्रेसीडेंट सौरव गांगुली ने उन्हें कथित तौर पर टीम में बनाए रखने की बात कही थी। साहा को टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।

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ड्वेन ब्रावो: वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर ब्रावो ने खुलेआम वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की आलोचना की थी। ब्रावो ने कहा था कि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की तरफ से उनकी टी और उनको किसी तरह की सहायता नहीं मिलती है। ड्वेन ब्रावो के अलावा वेस्टइंडीज के तमाम दिग्गज खिलाड़ियों ने सरेआम अपने बोर्ड की आलोचना की थी।

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