लाइव टीवी पर मनीष पांडे की हुई फजीहत, श्रीकांत बोले- 'मुझे उसके बारे में बात ही नहीं करनी'
दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल 2023 के 28वें मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स को 4 विकेट से हराकर टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत हासिल कर ली है। हालांकि, इस जीत के बावजूद दिल्ली की बल्लेबाजी सवालों के घेरे में आ गई है। इस आसान से मैच को भी दिल्ली की टीम ने अपने लिए मुश्किल बना लिया था, वो तो भला हो अक्षर पटेल का जिन्होंने आखिरी ओवर में नाबाद रहते हुए अपनी टीम को पहली जीत दिला दी वरना यहां भी दिल्ली को लेने के देने पड़ सकते थे।
इस मैच में कैपिटल्स के बल्लेबाज मनीष पांडे भी संघर्ष करते दिखे और 23 गेंदों में 21 रन बनाकर आउट हो गए। पांडे के प्रदर्शन को लेकर हर कोई निराश था और यही कारण था कि स्टार स्पोर्ट्स क्रिकेट लाइव शो में उनको लेकर चर्चा भी की गई लेकिन इस चर्चा में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष कृष्णमाचारी श्रीकांत हिस्सा लेने के बिल्कुल मूड में नहीं थे और इसीलिए उन्होंने मनीष पांडे के बारे में बात करने से ही इनकार कर दिया।
प्रसिद्ध ब्रॉडकास्टर और ऑस्ट्रेलियाई टीवी प्रस्तोता नेरोली मीडोज ने श्रीकांत से पूछा कि वो पांडे के बारे में क्या सोचते हैं और क्या उन्हें डीसी के लिए बल्लेबाजी क्रम में ऊपर बल्लेबाजी करनी चाहिए, तो श्रीकांत ने ऐसा व्यवहार किया जैसे कि सवाल ही नहीं पूछा गया था।
नेरोली मीडोज: चिक्का, मनीष पांडे के बारे में क्या कहेंगे। वो पूरी तरह से लय में नहीं दिखे हैं।
श्रीकांत: हम मनीष पांडे की बात क्यों कर रहे हैं? मैं उसके बारे में बात नहीं करना चाहता। इस आदमी को टीम में भी नहीं होना चाहिए। आइए अक्षर पटेल के बारे में बात करते हैं क्योंकि वो अपने जीवन में किस तरह के फॉर्म में हैं और बेहतर बल्लेबाजी कर रहे हैं।
नेरोली मीडोज: ठीक है, चिक्का बहुत स्पष्ट प्रतीत होता है कि आप मनीष पांडे के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं।
श्रीकांत: नहीं, मैं उसके बारे में बात नहीं करना चाहता। उन्हें इस टीम में नहीं होना चाहिए। अगर मैं चयनकर्ताओं का अध्यक्ष होता तो वो नहीं खेल रहे होते।
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श्रीकांत के इस जवाब को देखकर संजय मांजरेकर ने स्थिति को नियंत्रित किया और पांडे के बारे में बोलते हुए कहा कि कैसे 33 वर्षीय खिलाड़ी संघर्ष कर रहा था और उनके बल्ले से गेंद लग ही नहीं रही थी। आपको बता दें कि पांडे 2009 में आईपीएल शतक बनाने वाले पहले भारतीय थे और शानदार प्रदर्शन के चलते ही उन्हें भारतीय टीम में भी शामिल किया गया था, लेकिन कभी भी वो अपनी प्रतिभा को सही से साबित नहीं कर पाए।