सचिन तेंदुलकर से लेकर हरभजन सिंह तक... सभी ने दिया था दादा को धोखा; मोहम्मद कैफ ने सब सच बता दिया
13 जुलाई 2002, भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक दिन जब दादा (सौरव गांगुली) ने लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड को नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में धूल चटाने के बाद अपनी टी-शर्ट उतारक सेलिब्रेट किया था। इस सेलिब्रेशन को शायद ही कोई क्रिकेट फैन अपने जहन से निकाल सके, लेकिन इसके पीछे भी एक कहानी है जिसे काफी कम क्रिकेट फैंस ही जानते हैं। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने पुराने दिन को याद करके दादा के सेलिब्रेशन के पीछे की पूरी कहानी साझा की है।
दरअसल, लॉर्ड्स के मैदान पर जो क्रिकेट फैंस या पूरे क्रिकेट वर्ल्ड ने देखा, उस दिन उससे कुछ ज्यादा देखने को मिल सकता था। दादा यानी सौरव गांगुली का प्लान कुछ बड़ा था। दरअसल, कप्तान सौरव गांगुली इंग्लिश ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ से नाराज थे। फ्लिंटॉफ ने भारत को भारत में हराकर अपनी टी शर्ट उतारकर सेलिब्रेशन किया था और अब लॉर्ड्स में दादा का नंबर था।
सौरव गांगुली ने प्लान बनाया था कि सिर्फ वह नहीं बल्कि पूरी भारतीय टीम मैच जीतने के बाद अपनी टी शर्ट उतारकर सेलिब्रेशन करेगी। इसके लिए दादा ने सबसे बात करके हांमी भी ले ली थी, लेकिन बाद में सब पलट गए। सभी खिलाड़ियों ने अंत में ऐसा करने से इंकार कर दिया। सचिन तेंदुलकर से लेकर हरभजन सिंह और अनिल कुंबले ने भी दादा का साथ नहीं दिया, लेकिन सौरव गांगुली उस दिन पूरे जोश में थे और उन्होंने भारतीय टीम के विनिंग शॉट के साथ अपनी टी-शर्ट उतारकर फ्लिंटॉफ और पूरे क्रिकेट वर्ल्ड को यह जवाब दिया कि अगर भारत से कोई पंजा लेगा तो उसे कीमत चुकानी होगी।
कैफ ने यह दिन याद किया और सौरव गांगुली की तारीफ करते हुए कहा, 'टी- शर्ट उतारना सभी को ज्यादा लग रहा था, वहां सब पलट गए। लेकिन वहां दादा अकेले खड़े रहे। दादा मैं आपको मानता हूं आप अपनी जुबान पर टिके रहे।'
युवराज और मोहम्मद कैफ थे जीत के हीरो
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इस ऐतिहासिक मैच को याद करें तो नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को पराजित करने के लिए भारत को 326 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य हासिल करना था। भारतीय टीम अच्छी शुरुआत के बावजूद 146 रनों तक 5 विकेट खो चुकी थी। इसके बाद युवराज और मोहम्मद कैफ ने मौर्चा संभाला। इस मैच में युवी ने 63 गेंदों पर 69 रनों की धुआंधार पारी खेली। वहीं मोहम्मद कैफ ने अंत तक मैदान पर बने रहते हुए 75 गेंद पर 87 रन ठोककर टीम को जीत का ताज पहनाया।