400 रन बनाने के नजदीक थे मुल्डर, लेकिन टीम ने घोषित कर दी पारी, फैंस बोले– 'लगता है ब्रायन लारा ने धमकी..'
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान वियान मुल्डर ने जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे टेस्ट में 367* रन की ऐतिहासिक पारी खेली, लेकिन ब्रायन लारा का 400 रन का रिकॉर्ड तोड़ने से सिर्फ 33 रन दूर रह गए। टीम मैनेजमेंट ने पारी घोषित कर दी, जिससे फैंस सोशल मीडिया पर भड़क उठे।
जिम्बाब्वे के बुलावायो में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के स्टैंड-इन कप्तान वियान मुल्डर ने ऐसी पारी खेली जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। मुल्डर ने 334 गेंदों में 49 चौकों और 4 छक्कों की मदद से नाबाद 367 रन बना डाले। लेकिन जब वो सिर्फ 33 रन दूर थे क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर (ब्रायन लारा का 400*) तो टीम ने पारी घोषित कर दी।
मुल्डर की ये पारी ना सिर्फ उनकी अब तक की सबसे बड़ी पारी रही, बल्कि उन्होंने कई रिकॉर्ड भी ध्वस्त किए। उन्होंने हाशिम अमला के 311* रन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाया। साथ ही वह टेस्ट क्रिकेट इतिहास में 350+ रन बनाने वाले केवल सातवें बल्लेबाज़ बने।
इतना ही नहीं, मुल्डर ने ग्रेम स्मिथ का एक टेस्ट में सबसे ज्यादा रन (277+85 = 362) का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। इसके अलावा, उन्होंने हनीफ मोहम्मद के 337 रनों को पीछे छोड़ते हुए विदेश में टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर दर्ज किया। बुलावायो की सपाट पिच पर मुल्डर ने जिम्बाब्वे के गेंदबाज़ों को जमकर धोया और ऐसा लग रहा था कि वह 400 के आंकड़े को पार कर लेंगे। लेकिन तभी टीम मैनेजमेंट ने 626/5 पर पारी घोषित कर दी।
इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया और ट्विटर पर मज़ेदार लेकिन तीखे कमेंट्स की बाढ़ आ गई। एक यूज़र ने तंज कसते हुए लिखा, "लगता है मुल्डर को ब्रायन लारा का धमकी भरा फोन कॉल आ गया था, वरना और क्या वजह हो सकती है पारी घोषित करने की?" एक और यूज़र ने लिखा, "जिम्बाब्वे दो पारियों में भी ये स्कोर चेज़ नहीं कर सकता था, फिर भी पारी घोषित कर दी!" वहीं एक नाराज़ फैन ने गुस्से में कहा, "ये फैसला किसने लिया? अब तक का सबसे बुरा क्रिकेटिंग डिसीजन है। क्या वेस्टइंडीज बोर्ड ने टीम को करोड़ों ऑफर किए थे?"
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इन प्रतिक्रियाओं से साफ है कि फैन्स वियान मुल्डर को 400 रन बनाते देखना चाहते थे और पारी घोषित करने का फैसला उन्हें बिलकुल रास नहीं आया।