नमन ओझा: टीम इंडिया का सबसे बदकिस्मत खिलाड़ी, धोनी के युग में पैदा होने की भुगती सज़ा
पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा (Naman Ojha) सुर्खियों में हैं। रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ ओझा ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 71 गेंदों में 108 रन ठोके और भारत के जीत की नींव रखी। 39 साल के नमन ओझा ने जिस तरह से रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज में बल्लेबाजी की वो उनके कौशल को दिखाता है। नमन ओझा को बैटिंग करता देखकर आपका मन इनके इंटरनेशनल करियर के रिकॉर्ड को देखने का जरूर होगा।
नमन ओझा के इंटरनेशनल करियर पर नजर डालें तो पाएंगे कि ओझा भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अब तक के सबसे बदकिस्मत खिलाड़ी रहे। नमन ओझा का क्लास और कैलिबर उनकी बैटिंग में साफ झलकता है बावजूद इसके उन्होंने टीम इंडिया के लिए 1 टेस्ट 1 वनडे और 2 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले।
2007 एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्रॉफी के बाद से नमन ओझा घरेलू क्रिकेट में ऐसा नाम बन गए थे जिनके बारे में जोरों-शोरों से चर्चा होने लगी थी। टीम इंडिया में आने के लिए उन्होंने जीतोड़ मेहनत की थी। वहीं नमन ओझा भारतीय घरेलू सर्किट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक थे जिन्होंने राजस्थान रॉयल्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए आईपीएल भी खेला है।
नमन ओझा क्लीन स्ट्राइकर ऑफ द बॉल हैं। मतलब अपने दिन वो किसी भी गेंदबाजी लाइनअप को तबाह करने का माददा रखते हैं। नमन ओझा जिस दौर में थे उस दौर में इंडियन क्रिकेट में एम एस धोनी का बोलबाला था। ओझा का डेब्यू भारत के 2010 के जिम्बाब्वे दौरे पर एक वनडे और टी20 के दौरान हुआ।
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नमन ओझा को बतौर विकेटकीपर टीम में शामिल किया गया था। नमन ओझा को सिलेक्ट तब किया गया जब चयनकर्ताओं ने विकेटकीपर सहित कई वरिष्ठ खिलाड़ियों को आराम देने का फैसला किया। ओझा का टेस्ट डेब्यू 32 साल की उम्र में अगस्त 2015 में भारत के श्रीलंका दौरे के तीसरे टेस्ट में हुआ। रिद्धिमान साहा को हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण बाहर बैठना पड़ा था। उस मैच में ओझा ने 56 रन बनाने के साथ ही चार कैच और एक स्टंपिंग भी की थी।