2009 में श्रीलंका टीम की बस पर हुए आतंकी हमले पर बोले कुमार संगकारा,बताया किसने निभाया हीरो का रोल

Updated: Thu, Jun 04 2020 23:18 IST
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लंदन, 4 जून| पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा ने वर्ष 2009 में लाहौर में श्रीलंका की बस टीम पर हुए आतंकी हमले की घटना को एक बार फिर से याद किया है। 2009 में श्रीलंका टीम लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने जा रही थी कि तभी उनके काफिले पर घात लगाकर बैठे आतंकियों ने बस पर हमला कर दिया था। संगकारा उस समय टीम के कप्तान थे। उस घटना को एक बार फिर से याद करते हुए संगकारा ने कहा कि उनकी टीम का बस ड्राइवर वास्तव में हीरो था, जो बस को उस एरिया से निकाल ले जाने में कामयाब रहे थे।

संगकारा ने स्काई स्पोटर्स से कहा, " हम उस समय पाकिस्तान गए थे, जब सुरक्षा एक मुद्दा था। हमने सुरक्षा पर अपनी चिंताओं के बारे में लिखा था और कहा था कि अगर कुछ होता है तो खिलाड़ियों का बीमा होना चाहिए। इसलिए हमने विनम्रता से मना कर दिया था। लेकिन हमें बताया गया था कि उन्होंने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने जमीनी स्तर पर सभी काम किए हैं, इसलिए हम वहां गए थे।"

उन्होंने कहा, " उस समय हमारी टीम का मालिश करने वाला व्यक्ति भी सामने ही बैठा था। हमने बंदूक की आवाज सुनी तो उसने सोचा कि वे पटाखे हैं, बाद में वो उठ गया और कहने लगा कि सब नीचे हो जाओ वे बस पर फायरिंग कर रहे हैं। दिलशान भी सामने थे। मैं बस के बीच वाली सीट पर बैठा था। महेला जयवर्धने और मुरलीधरण हमारे ठीक पीछे थे। मुझे याद है कि सलामी बल्लेबाज थरंगा परनविताना सामने था।"

पूर्व कप्तान ने साथ आगे कहा, " उन्होंने कई बार बस की तरफ फायरिंग की, ग्रेनेड फेंके और एक रॉकेट लॉन्चर का भी इस्तेमाल किया। मुझे नहीं पता, हम उस दिन कैसे बच पाए। इस हमले में थिलन को चोट लगी थी जबकि मुझे कंधे के पास चोट आई थी। परनविताना चिल्लाया कि उसे गोली लगी है और उसकी छाती से खून बह रहा था। हम उस समय 'ऊह' और 'आह' की आवाजें साफ सुन रहे थे।"

संगकारा ने कहा, " हमला करने वालों ने ड्राइवर को मारने की काफी कोशिश की लेकिन वो हर बार बच गया। वह हीरो था, जिसने हमें वहां से बचाया। वह सीधे बस को स्टेडियम ले गए और फिर हमें उतारा।"
 

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