'अब्बू ना होते तो मैं कबका खत्म हो जाता' सरफराज खान के आंसू के पीछे छिपी कहानी
Sarfaraz Khan Ranji Trophy: रणजी ट्रॉफी के फाइनल में 134 रन बनाने के बाद, रणजी सीज़न का चौथा शतक बनाने के बाद, फाइनल के दूसरे दिन मध्य प्रदेश के गेंदबाजों को रौंदने के बाद युवा बल्लेबाज सरफराज खान काफी इमोशनल नजर आए। सरफराज ने पत्रकारों से बात करते हुए अपनी भावनाओं के उमड़ने के पीछे का राज खोला है। सरफराज खान ने कहा है कि उनके इस 100 के पीछे उनके अब्बू का हाथ है। पिता के बारे में बोलते हुए सरफराज खान हदपार इमोशनल नजर आए।
सरफराज खान ने कहा, 'यह 100 मेरे अब्बू (पिता) उनके बलिदान और उनके द्वारा उस समय मेरा हाथ पकड़ने के कारण है जब मैं डाउन था और बाहर हो सकता था। आप सब तो जानते हो कि मेरे साथ क्या हुआ है अब्बू ना होते तो मैं कबका खत्म हो जाता।'
सरफराज खान ने आगे कहा, 'उन्होंने बहुत संघर्ष किया है और जब मैं सोचता हूं कि मेरे पिताजी ने इन सबसे कैसे निपटा होगा तो मैं भावुक हो जाता हूं। उन्होंने एक बार भी मेरा हाथ नहीं छोड़ा। मेरे भाई ने अपने सेल फोन पर एक स्टेटस डाला और मैं देख सकता था कि अब्बू कितने खुश हैं। इसने मेरा दिन बना दिया।'
सरफराज खान ने कहा, 'हमारे जीवन में यह उन सभी छोटे-छोटे सपनों के बारे में है जिन्हें हमने साथ में देखा है। जो सपने हमने (उसने और उसके पिता ने) एक साथ देखे हैं। मुंबई में वापसी के बाद से मैंने दो सीजन में लगभग 2000 रन बनाए हैं वो मेरे अब्बू की वजह से है।'
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सरफराज खान ने आगे कहा, 'जब मैं छोटा लड़का था, मेरा सपना मुंबई की जर्सी पहनकर शतक बनाने का था। जब मैंने उस सपने को साकार किया, तब सपना रणजी ट्रॉफी के फाइनल में शतक बनाने का था। यही वजह है कि 100 के बाद मैं भावुक हो गया था।'