रणजी ट्रॉफी में शतक जमाने के बाद शिखर धवन ने कहा, इंग्लैंड जैसी परिस्थितियों में शतक बनाकर खुश हूं
नई दिल्ली, 25 दिसम्बर| एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और एक घरेलू स्तर के खिलाड़ी में अंतर होता है और यही अंतर बुधवार को अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी मैच में दिल्ली के कप्तान शिखर धवन की बल्लेबाजी में देखने को मिला। बिना जल्दबाजी के, शरीर के पास से धवन ने हैदराबाद के गेंदबाजों पर दर्शनीय शॉट्स लगाए और दिन का खेल खत्म होने तक 198 गेंदों पर 137 रन बनाकर नाबाद लौटे।
धवन की यह पारी तब आई जब हैदराबाद के गेंदबाज एक छोर से लगातार अंतराल पर विकेट ले रहे थे और दिल्ली के बल्लेबाजों को अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील होने नहीं दे रहे थे। पहले दिन का खेल खत्म होने तक दिल्ली ने छह विकेट खोकर 269 रन बनाए हैं।
मैच के बाद धवन ने कहा, "पस्थितियां चुनौतीपूर्ण थीं क्योंकि सुबह गेंद हिल रही थी। धूप नहीं थी इसलिए विकेट में नमी थी। अब कम है लेकिन फिर भी नमी है। उम्मीद है जब हमें नई गेंद मिले तो हम कुछ फायदा उठा पाएं।"
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, "जब बाएं हाथ के स्पिनर (मेहिदी हसन) आए तब मैंने अपने खेल में बदलाव किया। मैं उन पर बड़े शॉट्स खेलना चाह रहा था लेकिन पूरी परिस्थति को देखकर मैंने अपनी इच्छाओं पर काबू किया क्योंकि मेरे बाद ज्यादा बल्लेबाजी बची नहीं थी। अनुभव होने के कारण आपको अनुमान हो जाता है कि किस विकेट पर किस तरह के शॉट्स खेलने हैं। मैंने अपने शरीर से दूर से ज्यादा गेंदे नहीं खेलीं। ज्याद ड्राइव भी नहीं मारी।"
उन्होंने कहा, "जब मैं 20-21 साल का था तब मैं उस तरह के शॉट खेलता था, लेकिन अब अनुभव है इसलिए अब मैं विकेट देखता हूं और मुझे पता होता कि इस पर किस तरह के शॉट खेलने हैं।"
अन्य बल्लेबाजों की विफलता पर धवन ने कहा, "उनको अच्छी गेंदें मिलीं और ऑफ स्टम्प के बाहर की गेंद पर आउट हुए। जाहिर सी बात है कि सुबह परिस्थतियां मुश्किल थीं क्योंकि उस समय गेंद ज्यादा सीम कर रही थी और ज्यादा स्विंग भी ले रही थी। लेकिन मैं फिर भी उनकी तारीफ करूंगा जिन्होंने 25 का आंकड़ा पार किया क्योंकि वे अच्छा योगदान देकर गए।"