एशेज में कौन होंगे ऑस्ट्रेलिया के टॉप-3? रिकी पोंटिंग ने बताई अपनी पहली पसंद
वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल ही में संपंन्न हुई टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के टॉप-3 बल्लेबाज बुरी तरह फ्लॉप रहे। ऐसे में ये सवाल उठता है कि एशेज 2025 में भी यही टॉप-3 नजर आएंगे या कोई और खिलाड़ी टीम में शामिल होगा। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है। उन्होंने उन तीन बल्लेबाजों को चुना है जो पहले एशेज टेस्ट मे खेलते हुए नजर आ सकते हैं।
कैरेबियाई धरती पर 3-0 से टेस्ट सीरीज़ जीतने के बावजूद, ऑस्ट्रेलिया का बल्लेबाजी क्रम कमज़ोर नजर आया। वो सीरीज़ में केवल एक बार 300 से ज़्यादा रन बना पाए, जिसमें ज़्यादातर रन निचले क्रम के बल्लेबाज़ों ने बनाए। पोंटिंग ने आईसीसी रिव्यू में बोलते हुए कहा, "पिछले कुछ हफ़्तों में जिन बल्लेबाज़ों की बात हो रही है, वो हैं सैम कोंस्टास और उस्मान ख्वाजा और फिर कैमरन ग्रीन। ग्रीन के बारे में चर्चा हुई कि क्या वो लंबे समय तक नंबर 3 पर रहेंगे या नहीं।"
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, "वेस्टइंडीज़ में (पिछले टेस्ट में) ग्रीन की दूसरी पारी ने शायद इस बात को कुछ हद तक शांत कर दिया होगा। उन परिस्थितियों में बल्लेबाज़ी करना जितना मुश्किल था, उन्होंने उतने ही लंबे समय तक बल्लेबाजी की, उन्होंने शायद कुछ आलोचकों का मुंह बंद कर दिया होगा। मुझे लगता है कि जिस स्थिति में वो हैं, उसे देखते हुए एशेज की लाइन-अप वैसी ही होगी जैसी अभी है। मुझे लगता है कि वो इसी से शुरुआत करेंगे और आप उम्मीद करते हैं कि वो शुरुआत में ही अच्छा प्रदर्शन करेंगे।"
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अपनी बात खत्म करते हुए पोंटिंग ने कहा,"मैंने सैम कोंस्टास के बारे में (ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार) रॉबर्ट क्रैडॉक द्वारा लिखी गई कुछ दिलचस्प बातें या एक कहानी पढ़ी, कि कैसे ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उन्हें श्रीलंका के एक बेहद मुश्किल दौरे से बचाने की कोशिश की थी। उन्होंने उन्हें इस उम्मीद में मैदान पर छोड़ दिया था कि वो उन्हें कैरिबियन में लाएंगे जहां शायद चीज़ें थोड़ी आसान होतीं। खैर, हुआ इसका उल्टा। हुआ इसका बिल्कुल उल्टा। श्रीलंका में आक्रमण और विकेट अच्छे बल्लेबाज़ी के लिए अच्छे थे, लेकिन आक्रमण वाकई बहुत खराब था और कैरेबियाई मैदान पर हमें जो विकेट मिले, उन पर बल्लेबाज़ी करना सबके लिए मुश्किल रहा है। मैं पिछले नतीजे को देखता हूं जहां वेस्टइंडीज़ 27 रन पर आउट हो गई थी। ये सिर्फ़ उच्च-गुणवत्ता वाली गेंदबाज़ी की वजह से नहीं है। ये पिच, गेंद और कई तरह की चीज़ों की वजह से है।"