बिना वर्ल्ड कप जीत के सचिन तेंदुलकर का सुनहरा कैरियर अधूरा रह जाता : वसीम अकरम
नई दिल्ली, 05 नवंबर (हि.स.) । पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर अगर 2011 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा नहीं होते तो उनका दो दशक से अधिक लंबा सुनहरा कैरियर अधूरा रह जाता। वर्ल्ड कप शुरू होने से सौ दिन पहले आईसीसी के लिये अपने कॉलम में अकरम ने लिखा, ‘‘ निजी तौर पर मेरा मानना है कि वर्ल्ड कप जीत से पेशेवर क्रिकेटरों का कैरियर मुकम्मिल होता है। इसकी मिसाल सचिन तेंदुलकर की प्रतिक्रिया है जो उन्होंने मुंबई में 2011 वर्ल्ड कप जीतने पर व्यक्त की थी। छह प्रयासों में यह उनकी पहली सफलता थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक विनम्र और शालीन क्रिकेटर के पूर्ण संतोष पा लेने की अभिव्यक्ति थी जो वर्ल्ड कप जीतने को लालायित था। दो अप्रैल 2011 को तेंदुलकर ने अपना नाम महानतम और सबसे मुकम्मिल क्रिकेटर के रूप में इतिहास में दर्ज करा लिया।’’ अकरम 1992 वर्ल्ड कप जीतने वाली पाकिस्तानी टीम के सदस्य थे और 1999 वर्ल्ड कप में कप्तान रहे। वह 1987 में सेमीफाइनल और 1996 में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली पाकिस्तानी टीम में भी थे।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/गोविन्द